लखनऊ। यूपी में परीक्षा में नकल को रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं। इसके अलावा मेधावी छात्रों को 10-10 हजार रूपए देने पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं उच्च शिक्षा माध्यमिक शिक्षा के मामलों से निपटने के लिए सरकार राज्य शैक्षिक अधिकरण बनाने पर भी विचार कर रही है। ये निर्देश डॉ. शर्मा ने इसकी जानकारी बीते सोमवार को दी।
बता दें कि मुख्य सचिव से बोला गया है कि वो इसके लिए बजट में प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक 12 पास छात्राओं को 30-30 हजार रूपए दिए जाते थे। लेकिन अब इसकी जगह पर एक लाख छात्राओं को 10-10 हजार रूपए दिए जाएंगे। साथ ही कहा गया कि माध्यमिक और उच्च शिक्षा के वादों को न्यायालय के बाहर निपटाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
साथ कहा गया कि नकल रोकने के लिए छात्रों की वीडियोग्राफी कराई जाए। सभी महाविद्दालय 10 और सहायता देने वाले महाविद्दालय 15 जुलाई से खोले जाएंगे। न्यायालयों में सबसे ज्यादा मुकदमें माध्यमिक शिक्षा विभाग के हैं जो लंबित पड़े हैं। जिसके लिए विभाग को इनकी पैरवी में लाखों रूपए का खर्च करना पड़ता है। यूपी बोर्ड के छात्रओं को के लिए स्वकेंद्र प्रणाली लागू है।
वहीं डॉ, शर्मा ने इस मामले को खत्म करने को कहा है। नकल को रोकने के लिए उच्च शिक्षा और बेसिक शिक्षा की स्थानान्तरण नीति को आखिरी रूप देने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसके लिए एक बैठक बुलाई गई बैठक में मुख्य सचिव माध्यमिक और उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल, विशेष सचिव उच्च शिक्षा मधु जोशी, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा संध्या तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।