आगरा। दुनिया के 7 अजूबों में शुमार आगरा के ताजमहल के बारे में कौन नहीं जानता। विश्व के किसी भी कोने से भारत घूमने आए और ताजमहल का दीदार ना करें लेकिन दिनों-दिन इस खूबसूरत इमारत का रंग फीका पड़ता जा रहा है। ताजमहल को यमुना नदी में गंदगी और कीड़ों की वजह से संरक्षण के प्रयास के बाबजूद बदरंग होता जा रहा है।
दरअसल सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार तूफान और बारिश के कारण हाल ही में ताजमहल के संगमरमर की सतह पर हरे और काले धब्बे उभर आए। ये कीटों की गतिविधियों के कारण उभरे हैं, जिसके काणर ताजमहल की खूबसूरती दिनों-दिन खराब होती जा रही है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्व रसायनज्ञ डा.एम के भटनागर ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘ताजमहल के संगमरमर की सतह पर कीड़ों की गतिविधियों को कम करने के लिए कुछ जांच की गयी हैं। उपयुक्त अनुपात में कुछ तत्वों का घोल तैयार किया गया और प्रकाश में रात के समय ताजमहल पर लगाया गया| इसके परिणामस्वरूप हजारों की संख्या में कीड़े इसमें फंस गए।‘
रिपोर्ट के अनुसार, इस तरीके का अन्य स्मारकों पर भी उपयोग किया जाएगा। इस बारे में अध्ययन बिना किसी कोष के किया जा रहा है। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, समिति के निरीक्षण में निम्नलिखित तथ्य सामने आए। ताजमहल की उत्तरी दीवारों पर हरे धब्बे दिखाई दिये। साथ ही मच्छर के आकार के कुछ कीड़े मिले। इसके अतिरिक्त ताजमहल के आधार पर यमुना की तरफ लाल पत्थर पर भी कीड़ों का प्रकोप दिखाई दिया।