नई दिल्ली। भारत और रुस ने दुनिया के सभी देशों से सीमा पार आंतकवाद रोकने की अपील करते हुए कहा कि इसे खत्म करने के लिए निर्णायक और सामूहिक प्रयास जरूरी है। गुरुवार को सेंट पीटर्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बातचीत के बाद जारी दृष्टिपत्र में कहा गया है कि दोनों देश इसके खिलाफ अपना सहयोग जारी रखेंगे।
दृष्टिपत्र में कहा गया है कि आतंकवाद चाहे वैचारिक, धार्मिक, राजनीतिक, नस्लीय, जातीय या किसी अन्य प्रकार का क्यों न हो, हम इसके सभी रूपों की निंदा करते हैं। दोनों देशों ने इसके सभी रूपों को खत्म करने का आह्वान किया है। इससे पहले जर्मनी और स्पेन की यात्रा के दौरान भी मोदी ने उन देशों के सामने यह मुद्दा उठाया था।
पुतिन के साथ भेंट के बाद मीडिया से बात करते हुए मोदी ने कहा कि भारत रूस का संबंध आपसी प्यार, सम्मान और भरोसे पर टिका हुआ है। संस्कृति से लेकर सुरक्षा तक हमारे संबंध बराबरी पर आधारित हैं। हम एक भाषा में बात करते हैं। इस बात का उल्लेख करते हुए कि दोनों देश अपने संबंधों की ७०वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, मोदी ने कहा कि इस दौरान हमारे संबंध एक जैसे बने रहे।
आपकों बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी ने 16 साल पहले की अपनी रूस यात्रा को भी याद किया। वे उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ शिष्टमंडल के सदस्य के तौर पर आए थे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं राष्ट्रपति पुतिन के गृहनगर में फिर से आकर बहुत खुश हूं।