नई दिल्ली। आजादी के आंदोलन की 75 वीं वर्षगांठ पर देश की संसद के जरिए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्बोधन के लिए उतरे तो महिलाओं को लेकर उनका दर्द साफ छलक आया। उन्होने महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा का भी जिक्र करते हुए कहा कि अगर देश को विकास की राह पर लेकर जाना है तो महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी होगी। आज पूरा देश आजादी के उन दीवानों के संकल्प और दृड़ इच्छा शक्ति को नमन कर रहा है। जिन्होने ने अपने जान की परवाह ना करते हुए देश की आजादी की बेदी पर अपने प्राणों की आहुति तक दे डाली। देश में जिन नैतिक मूल्यों को कामय करने के लिए ये आजादी आई थी आज वो नैतिकता इस धरातल से गायब होती जा रही है।
इसी बातों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस आंदोलन का सूत्रपात करने वाले महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज्य का सपना अब तक साकार नहीं हो पाया है। गांधी के मन के भीतर जो गांव गरीब किसान शोषित पीड़ित वंचित सभी के लिए कुछ करने का विचार था उसको लेकर हम सभी को इस पार हो उस पार हों सभी को संकल्प लेना होगा। हमें अपने कर्तव्यभाव को सामने लेकर आना होगा। हमें कर्तव्यभाव को अपने जीवन में जगाना होगा। देश में महिलाओं की स्थिति आजादी के बाद भी नहीं बदली है। हमें अपनी मानसिकता को बदला होगा। महिलाओं को विकास की धारा में लाना होगा। आजादी के आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। पूरा इतिहास साक्षी है इनके महत्व और इनकी कार्यशैली और पद्धति का हमेशा से महिलाएं प्रेरणा का श्रोत बनी हैं।
सवा सौ करोड़ देशवासियों को संकल्प लेना होगा आज इस आजादी के आंदोलन के 75 वी वर्षगांठ पर कि देश में अराजकता और अपनी विकृत मानसिक सोच को बदलेंगे। स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए भी मोदी ने कहा कि आजादी के 70 सालों के बाद भी देश में कई गांव आज भी शौचालय नहीं है हमारी मां बेटियों को शौच करने के लिए रात के अंधेरों का इन्तजार कराना पड़ता है। क्योंकि लोगों की मानसिकता खराब हो गई है। हमें अपनी मानसिक सोच बदलनी होगी देश में एक नई ऊर्जा का संचार कर शिक्षा के स्तर को विकसित करते हुए अपनी मानसिक सोच को बदलाना होगा। देश की माताओं और बहनों की भागीदारी देश के विकास को बढ़ा सकती है। देश को आजादी दिलाने में भी इनका योगदान व्यापक रहा है। आज भी उनको आगे लाना होगा।
पीएम मोदी ने साफ किया है देश की प्रगति के पथ पर आने वाले 5 सालों में जब हम देश की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हो तो महिला की व्यापक भागीदारी होनी चाहिए। दुनियां में आज परिवर्तन का दौर है। हमें इस दौर के साथ चलना होगा। क्योंकि ये 5 साल संकल्प से सिद्धि के हैं। 2017 में हम सब देशवासी साथ मिलकर संकल्प ले और एकजुट होकर इस संकल्प को पूरा करें। देश की प्रगति में आगे बढ़ें।