भारत-पाक के बीच 1965 में हुआ युद्ध सबसे भीषण और बड़ा टैंक युद्ध था, जिसका नेतृत्व कर रहे थे लेफ्टिनेंट कर्नल आरदेर्शि बुरजार जी तारापुर। उस युद्ध में स्थिति ऐसी बन गई थी कि भारतीय जवान निराश से होने लगे थे, कर्नल खुद गोली के शिकार हुए थे, सैनिको की हालत खस्ता थी। फिर भी कर्नल ने जवानों का हौसला बांधते हुए कहा कि यहां मरने से अच्छा है कि यह युद्ध करते हुए शहीद हों।
Remembering hero of #IndoPakWar1965 Lt Col Ardeshir Burzorji Tarapore, Pramvir Chakra , 17 Horse. pic.twitter.com/5YNmfMwCNQ
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) September 16, 2016
सेना और स्वयं की हालत बुरी होने के बावजूद कर्नल की सेना ने विरोधियों के करीब 60 टैंक ध्वस्त कर दिए थे और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी, जिस प्रकार से लेफ्टिनेंट कर्नल ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे, ऐसे जवानो को पूरा देश नमन करता है।