भानगढ़ के किले के बारे में कौन नहीं जानता, भारत की सबसे भुतहा जगह के नाम से प्रसिद्ध है कहते हैं इस किले में कोई भी रात समय नहीं रुक सकता, यह सरकारी आदेश है। भानगढ़ के पास जाने वाली सड़कें रात के समय बेदह भ्रामक हो जाती हैं। इसलिए रात के समय यहाँ से वाहनों का गुज़ारना बंद हो जाता है।
क्यों कहा जाता हैं भुतहा
भानगढ़ की राजकुमारी सहित पूरा सम्राज्य मौंत के मुंह में चला गया था। दरअसल काले जादू के श्राप के कारण आज ये जगह भूतों से भरी हुई हैं।
भानगढ़ का किला वैसे भारतीय पुरातत्व के द्वारा इस खंडहर को संरक्षित कर दिया गया हैं। जहां पुरातत्व विभाग ने हर संरक्षित क्षेत्र में अपने ऑफिस बनाए हैं वहीं इस किले के संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग ने अपना ऑफिस भानगढ़ से दूर बनाया हैं।
कहा जाता हैं कि भानगढ़ की राजकुमारी रानी रत्नावती बेहद ही खुबसुरत थी उस समय उनके रुप की चर्चा पुरे राज्य में थी उन्हें जो भी देखता था उनका दिवाना हो जाता था देश के कोने-कोने के राजकुमार उनसे विवाह करने के इच्छुक थे। उस समय उनकी उम्र महज 18 साल ही थी और उनका यौवन उनके रुप में और निखार ला चुका था।
उस समय कई राज्यों से उनके लिए विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे उसी दौरान वो एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार के लिए निकली थी। एक इत्र की दुकान पर पहुंची थी वो इत्रों की खूशबू ले रही थी। उसी समय उस दुकान पर खड़ा सिन्धु सेवड़ा नाम का व्यक्ति उन्हें बहुत ध्यान से देख रहा था और वो भी उस राज्य में रहता था ऐसा बताया जाता हैं
कि वो काले जादू का बहुत बड़ा महारथी था। रानी ने जिस इत्र को लिया उसमें उसने काला जादू कर दिया क्योकि वो रानी से बहुत ज्यादा प्यार करता था उसके पाने कगे लिए ऐसा किया लेकिन रानी को इस बात की भनक लग गई और रानी ने इत्र को पत्थर पर पटक दिया जिससे वो पत्थर फिसल कर तांत्रिक के पास जा गिरा उसके नीचे दबकर उसकी मौत हो गई और उसने श्राप दिया कि इस किंले में रहने वाले सभी लोग जल्दी ही मर जाएंगे और वो दोबारा जन्म नहीं ले सकेंगे और हमेशा उनकी ऑत्माएं यहां भटकती रहेंगी।