नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के फास्ट ट्रैक कार्यान्वयन के प्रति जन जागरूकता फैलाने के अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने यहां आयोजित एक सम्मेलन में जीएसटी पर श्वेत पत्र जारी किया।
जीएसटी पर श्वेत पत्र में जीएसटी के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की विवेचना की गई है और इसके द्वारा सीएआईटी का उद्देश्य व्यापारियों को जीएसटी से संबंधित सभी आवश्यक ज्ञान के साथ सशक्त बनाना है। साथ ही, सीएआईटी द्वारा इस श्वेत पत्र के जारी किए जाने का उद्देश्य व्यापारियों और अन्य लोगों को जीएसटी के अनुपालन के अनुरूप बनाने का भी है।
जीएसटी 1 जुलाई से लागू होने वाला है और सीएआईटी ने पहले से ही वास्तविक स्थिति का कयास लगा लिया था कि देश भर में व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग जीएसटी के आधारभूत बुनियादी सिद्धांतों और अनुपालन दायित्वों के बारे में अनजान हैं। जीएसटी के प्रमुख अवयवों से व्यापारियों एवं अन्य वर्ग के लोगों को प्रशिक्षित करने के अलावा, सीएआईटी द्वारा जारी किया गया यह श्वेत पत्र इस नए कानून पर सीएआईटी के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही यह सभी वर्गों को देश के इस सबसे बड़े कर सुधार को आसानी से समझने में मदद करता है।
इस अवसर पर सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक संयुक्त बयान में कहा, “जीएसटी को लागू होने में एक हफ्ते से भी कम समय रह गया है लेकिन, फिर भी देश भर में बड़ी संख्या में व्यापारियों को अभी भी जीएसटी की मूलभूत बुनियादी बातों के बारे में पता नहीं है| साथ ही वे जीएसटी के अनुपालन दायित्वों के बारे में अभी तक अंजान हैं।
इस श्वेत पत्र के माध्यम से, हम व्यापारियों एवं अन्य लोगों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं से परिचित करना चाहते हैं। व्यापारियों और सभी लोगों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि जीएसटी एक प्रौद्योगिकी आधारित कराधान प्रणाली है और यह वर्तमान में लागू वैट, एक्साइज एंड सर्विसेज टैक्स व्यवस्था से काफी अलग है। देश के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक मील का पत्थर साबित होने वाला इस कर व्यवस्था के अनुपालन के कई पहलू हैं जो केवल डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही पूरा किए जा सकते हैं।”