नई दिल्ली। आज सीएम योगी एक बार फिर रामनगरी का रूख कर रहे हैं। इसके साथ ही एक बार फिर रामजन्मभूमि विवाद का मुद्दा गरम हो गया है। माना जा रहा है कि ये योगी की यात्रा इसी मुद्दे का कोर्ट के बाहर दोनों पक्षकारों के साथ मिलकर सुलझाने के लिए हो रही है। बीते दिनों योगी जब अयोध्या दौरे पर थे तो काफी वक्त उन्होने इश आंदोलन के शलाका पुरूष रामचंद्र दास परमहंस के उत्तराधिकारी सुरेश दास के साथ बिताया था। जहां पर इस आंदोलन के हिन्दू पक्षकार महंत धर्मदास के साथ भी सीएम योगी ने बातचीत की थी ।
क्यूं हो रहा है सीएम योगी का दौरा
जिसके बाद ये दोनों संत सीएम योगी आदित्यनाथ से 5 कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जाकर इस मुद्दे पर बातचीत और मुलाकात भी की थी। इसके बाद योगी ने दुबारा अयोध्या आकर इस मुद्दे से जुड़े लोगों से बातचीत करने का आश्वासन भी दिया था। माना जा रहा है था कि योगी आदित्यनाथ 26 जुलाई को अयोध्या आ सकते हैं। जहां में इस विवाद से जुड़े लोगों से मुलाकात कर इसके हल के बारे में बातचीत करेंगे। अब आज ये दौरा हो रहा है। भारत खबर ने 23 जून को ही इस दौरे को लेकर खबर भी दी थी। माना जा रहा है कि बाबा रामचन्द्र दास परमहंस की समाधि स्थल के निर्माण से ही रामजन्मभूमि निर्माण की शुरूआत भी होगी।
जहां से सीएम करेंगे राममंदिर आंदोलन के शलाकापुरूष को नमन को फंसा विवाद में
आज सीएम योगी इस स्थल पर पूजन के साथ इसके निर्माण का शिलान्यास भी कर सकते हैं। जहां से एक शुरूआत होगी रामजन्मभूमि निर्माण की, लेकिन अब ये स्थल एक नये विवाद में फंस गया है।उपेक्षित पड़े इस स्थल पर बाबा के शिष्य नारायण मिश्र ने कुछ कमरों का निर्माण कराया था। इसके साथ ही इस स्थल पर वो निरंतर पूजा पाठ भजन कीर्तन कर बाबा की समाधि के तौर पर पूजा कर रहे थे। लेकिन जब सीएम योगी मुख्यमंत्री बने और उनका रूख बाबा और राममंदिर की ओर पड़ा तो अब दिगम्बर अखाडे ने इस समाधि पर अपना दावा पेश किया है।
मौजूदा महंत सुरेश दास का कहना है कि उनके गुरु परमहंस रामचंद्र दास दिगंबर अखाड़े के महंत थे। इस लिहाजा उनकी समाधि पर अखाड़े की मिल्कियत है। बाबा की समाधि पर नारायण मिश्र का कोई हक नहीं है। वहीं नारायण मिश्र समाधि को अखाड़े की मिल्कियत मानने को तैयार नहीं हैं। वो सुरेश दास पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगा रहे हैं। नारायण मिश्रा के आरोपों को महंत सुरेश दास ने खारिज करते हुए कहा है कि नारायण मिश्र के दावों और आरोपों को कोई महत्व नहीं है।दिगंबर अखाड़ा जब चाहेगा नारायण मिश्र को उठाकर बाहर कर देगा।
अजस्र पीयूष