हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि वसुधैव कुटुंबकम, सह अस्तित्व व एकत्व भारतीय संस्कृति के तीन आध्यात्मिक आदर्श है। इन्हें अपनाने वाला व्यक्ति अपने आप ही छात्रत्व, युवकत्व व योगत्व से भर उठता है। तब राष्ट्रधर्म का निर्वहन संशयरहित हो जाता है। वे यहां पतंजलि योगपीठ में हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन के 5 दिवसीय शिविर में आए लोगों को संबोधित कर रहे थे। शिविर में 45 देशों के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। बाद में बाबा रामदेव ने योग ग्राम में मड थेरेपी का प्रदर्शन किया।
इस दौरान उपस्थित पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा छात्र धर्म, युवा धर्म व योग धर्म में विभिन्नताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। विभिन्न देशों के बीच ज्ञान, कौशल, राष्ट्रगत परंपराओं, संपन्नता व शक्तियों में अंतर हो सकता है, पर हमारी संस्कृति में संपूर्ण मानव समाज के एकत्व पर विश्वास किया गया है। हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन के दल का नेतृत्व भूटान के धेजी जी कर रहे हैं।