देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को तीन महीने के अंदर लोकायुक्त नियुक्त करने का निर्दश दिया है जिसके बाद प्रदेश सरकार में खलबली मची हुई है।अदालत के इस आदेश के बाद प्रदेश सरकार और बीजेपी में उठा-पटक मची हुई हैं।
राज्य सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि कोर्ट के आदेश की प्रति आने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा।लोकायुक्त को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार कांग्रेस के निशाने पर है।कांग्रेस सरकार पर लोकायुक्त विधेयक के लेकर हीला-हवाली करने का आरोप लगा रही है।बता दें कि विधेयक अभी लंबित हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह तक लोकपाल, लोकायुक्त को लेकर बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साध रहें हैं। दरअसल बीजेपी ने जीत के साथ ही वादा किया था कि उनकी सरकार आने पर तीन महीने के अंदर ही मजबूत लोकायुक्त बनाएगी।
प्रदेश सरकार विधानसभा में लोकायुक्त और लोकसेवकों के स्थानांतरण विधेयकों को विधान सभा में लाई।बीजेपी सरकार की इस तेजी ने कांग्रेस को चिंता में डाल दिया था, लेकिन बाद में रणनीतिक तरीके से जब कांग्रेस ने लोकायुक्त पर सहमति दिखाया तो सरकार खुद पीछे हट गई।नौ महीने बाद भी सरकार लोकायुक्त नहीं बना पाई है।