नई दिल्ली। प्लास्टिक के डिब्बे हमारे किचन का आम हिस्सा बन चुके हैं। प्लास्टिक के डिब्बे में चावल, दाल, चानी यो कोई भी मसाले रख दिए जाते हैं। चूंकि प्लास्टिक के डिब्बे आसानी से बाजार में मिल जाते हैं सात ही इसे कैरी करना भी आसान होता है, इसलिए ज्यादातर घरों में प्लास्टिक के डिब्बे मिल जाते हैं। प्लास्टिक के डिब्बे का ज्याद इस्तेमाल खतरनाक होता है।
एक रिसर्च के मुताबिक, पानी में न घुल पाने और बायोकेमिकल ऐक्टिव न होने की वजह से प्योर प्लास्टिक कम जहरीला होता है, लेकिन जब इसमें दूसरे तरह के प्लास्टिक और कलर्स मिला दिए जाते हैं तो यह नुकसानदेह साबित हो सकता है। हम सभी लोग खाने-पीने का सामान प्लास्टिक कंटेनर में रखते हैं, लेकिन कभी ये नहीं देखते की प्लास्टिक किस क्वालटी का है।
प्लास्टिक की थालियां और स्टोरेज कंटेनर्स खाने-पीने की चीज में केमिकल छोड़ते हैं। इसका खतरा टाइप 3 और 7 या किसी हार्ड प्लास्टिक से बने कंटेनर्स में और भी ज्य़ादा होता है। इन प्लास्टिक्स में बाइस्फेनॉल ए (बीपीए)नामक केमिकल होता है। प्लास्टिक आइटम्स में बीपीए के बाद सबसे ज्य़ादा इस्तेमाल होने वाला केमिकल है थालेट्स )। यह प्लास्टिक को लोचदार बनाता है। ये केमिकल हमारे शरीर के हॉर्मोंस को प्रभावित करते हैं।