नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा आम चुनाव में देश भर के प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीन का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव किया है और इसके लिए सरकार से 317 करोड़ रूपये की राशि मांगी है। उच्चतम न्यायालय ने भी चरणबद्ध तरीके से वीवीपीएटी लागू करने की अनुमति आयोग को दी है।
निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ हुई मंत्रणा के आधार पर पारदर्शिता बढाने की दृष्टि से मतदाता सत्यापन योग्य प्रेपर ओडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के उपयोग करने पर विचार किया था। वीवीपीएटी लागू करने का अर्थ यह है कि नियंत्रण इकाई में मत की रिकॉर्डिंग के साथ उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह् वाली कागजी पर्ची निकाली जा सके ताकि किसी तरह के विवाद के मामले में ईवीएम मशीनों में दिखाये जा रहे परिणाम की पुष्टि कागजी पर्जी गिनकर की जा सके।
वीवीपीएटी के अंतर्गत बैलट इकाई से प्रिंटर जुड़ा होता है और इसे मतदान के खांचे में रखा जाता है। सात सेकेंड के लिए वीवीपीएटी पर कागजी पर्ची दिखती है। वीएल/ईसीआईएल द्वारा निम्रित वीवीपीएटी के डिजाइन की मंजूरी 2013 ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई और उन लोगों को दिखाया गया जो इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले गये। नियमों में संशोधन किये गये।
निर्वाचन आयोग ने 2013 में नगालैंड के उप चुनाव में वीवीपीएटी का उपयोग किया। यह उपयोग काफी सफल रहा। उच्चतम न्यायालय ने चरणबद्ध तरीके से वीवीपीएटी लगाने का आदेश दिया और सरकार से वीवीपीएटी प्राप्त करने के लिए धन स्वीकृत करने को कहा। इस संबंध में जून 2014 में आयोग ने 2019 में होने वाले लोकसभा आम चुनाव में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर वीवीपीएटी लागू करने का प्रस्ताव किया।
उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले में आयोग ने मार्च 2017 में शीर्ष अदालत को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग सरकार की ओर से राशि जारी करने के समय से 30 महीनों में बने आवश्यक संख्या में वीवीपीएटी प्राप्त कर लेगा। 2013 में निर्वाचन आयोग को 20 हजार वीवीपीएटी प्राप्त हुए और तब से 143 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपीएटी का उपयोग किया गया है।
साल 2016 में बीईएल द्वारा 33500 वीवीपीएटी तैयार किये गये हैं। अब तक 255 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों और 9 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपीएटी का उपयोग किया गया है। 2017 में गोवा चुनाव में सभी 40 विधानसभा क्षेत्रों में वीवीपीएटी की तैनाती की गई थी। हाल में पांच राज्यों में हुए चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 52000 वीवीपीएटी की तैनाती की गई थी। भारत निर्वाचन आयोग 2014 से आवश्यक संख्या में वीवीपीएटी तैयार करने के लिए सरकार से 3174 करोड़ रूपये की राशि जारी करने का आग्रह कर रहा है, ताकि 2019 के लोकसभा आम चुनाव में सभी मतदान केन्द्रों पर वीवीपीएटी का उपयोग हो सके।