लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आलू और आम उत्पादकों को उचित मूल्य तथा सुविधाएं दिलाने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह तथा केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीता रमन को पत्र लिखकर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पत्र में बताया है कि उ.प्र. आलू उत्पादन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। प्रदेश में देश के कुल उत्पादन का 35 प्रतिशत आलू उत्पादन होता है। भारत सरकार के एम.एन.सी.एफ.सी. के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2016-17 में लगभग 6.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुआई की गयी लेकिन औसत बाजार मूल्य में अन्य राज्यों की तुलना में काफी अन्तर है जबकि प्रदेश में विभिन्न प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता वाले सफेद एवं लाल आलू पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
मौर्य ने बताया कि बाजार मूल्य में एकरूपता लाने के लिए अन्य राज्यों के राजकीय, अर्द्धशासकीय, सहकारी, निजी संस्थाओं और आलू व्यापारियों के साथ बैठक कराने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं कृषक कल्याण मंत्री राधा मोहन को पत्र लिखा गया है ताकि उ.प्र. के किसानों को भी आलू का उचित मूल्य मिल सके। उप मुख्यमंत्री ने आम उत्पादन पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग 2.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 45 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है तथा दशहरी, लगड़ा, चैसा, आमृपाली, लखनऊ सफेदा, गौरजीत आदि व्यवसायिक प्रजातियों का आम बड़ी मात्रा में जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के अन्त तक उपलब्ध रहता है।
मौर्य ने कहा कि आम के पैकेजिंग एवं निर्यात की उचित व्यवस्था नहीं होने से आम उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है इसलिए आम उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीता रमन को प्रदेश सरकार ने पत्र लिखा है, ताकि एपीडा के जरिए भारत सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं आम उत्पादकों को मिल सकें। उन्होंने बताया कि उ.प्र. राज्य औद्य़ानिक विपणन संघ के तत्वावधान में एपीडा का वर्चुअल कार्यालय स्थापित हो चुका है।