September 8, 2024 7:45 am
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UP: इस दिन से 217 शहरों में मिलेगी फ्री वाईफाई सुविधा, मुख्‍यमंत्री का अहम निर्देश   

UP: इस दिन से 217 शहरों में मिलेगी फ्री वाईफाई सुविधा, मुख्‍यमंत्री का अहम निर्देश   

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के 217 शहरों में मुफ्त वाईफाई की सुविधा जल्‍द मिलने वाली है। प्रदेश सरकार यह सुविधा 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यानी 15 अगस्‍त से देने की तैयारी में है। 17 नगर निगमों के साथ इस सुविधा का लाभ 75 जिला मुख्यालय में भी मिलेगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नगर विकास विभाग फ्री वाईफाई की सुविधा मुहैया कराने की मुहिम में जुट गया है। इसके लिए विभाग ने जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों और नगर आयुक्तों को निर्देश भेजा है, जिसमें कहा है कि सभी प्रमुख सार्वजनिक जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हॉटस्पॉट चिन्हित किए जाएं।

15 अगस्‍त से मिलेगी फ्री वाईफाई सुविधा

15 अगस्‍त से नगर विकास विभाग हर शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के पास की जगहों, तहसील, ब्‍लॉक कार्यालय, कचहरी, रजिस्ट्रार कार्यालय और मुख्य बाजारों में फ्री वाईफाई की सुविधा मुहैया कराने की में तैयारी जुटा है।

बता दें कि बीजेपी के संकल्प पत्र में भी फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने का जिक्र था। राज्‍य में जब योगी सरकार बनी तो राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों की प्रमुख स्‍थानों पर फ्री वाईफाई की सुविधा मुहैया कराई गई थी।

ऐसे मिलेगी सुविधा

इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री ने इस योजना को सभी नगर पालिका परिषदों, जिला मुख्यालयों और 17 नगर निगमों के प्रमुख सार्वजनिक स्‍थलों पर शुरू करने का फैसला किया है। नगर विकास विभाग की योजना के अनुसार, बड़े शहरों में दो स्‍थानों पर और छोटे शहरों में एक स्थान पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा दी जाएगी।

ऐसे में यह सुविधा लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, वाराणसी, झांसी, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, अयोध्‍या, गोरखपुर, मेरठ, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, मथुरा-वृंदावन और फीरोजाबाद नगर निगम वाले शहरों के अलावा नगर पालिका परिषद के शहरों में भी दी जाएगी।

इंटरनेट स्‍पीड पर विशेष ध्‍यान

नगरीय निकाय इसके लिए इंटरनेट कंपनियों से करार करेंगे और वाईफाई सुविधा में इंटरनेट की स्पीड का विशेष ध्यान रखा जाएगा। नगर विकास विभाग के निर्देशानुसार, इसका खर्च नगरीय निकाय या स्मार्ट सिटी परियोजना अपने स्रोत से उठाएंगे। निकायों से यह भी कहा गया कि सुविधा देने की जानकारी उपलब्‍ध कराना अनिवार्य है। सरकार का मानना है कि लोग इस सुविधा से अपनी जरूरतों के आधार पर किसी भी जगह पर बैठकर अपना काम आसानी से कर सकेंगे।

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