नई दिल्ली। अगर आप भी शानदार से यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे घर खरीदने का सपना सजा चुके हैं और बिल्डर्स को घर के लिए पैसा भी दे चुके हैं तो ये खबर आपको चौंका सकती है। दरअसल एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले लेने वाली योगी सरकार ने अब यमुना एक्सप्रेस-वे का रूख कर लिया है।
यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने 6 बिल्डर्स के 17 प्रॉजेक्ट्स को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक इन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट ले-आउट अप्रूवल ना लेने की वजह से रद्द किए गए हैं। बिल्डर्स के प्रोजेक्ट रद्द किए जाने के बाद उन लोगों को निराशा का सामना करना पड़ेगा जो पहले से इस प्रोजेक्ट में पैसा लगा चुके हैं। प्राधिकरण ने बिल्डर्स पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने बिना नक्शा मंजूर कराए अवैध तरीके से निर्माणक काम शुरू किया था। वहीं, दूसरी तरफ बिल्डर्स का कहना है कि वो इन प्रोजेक्ट्स के लिए पहले ही सपा और बसपा सरकार से मंजूरी ले चुके हैं।
इन बिल्डर्स पर पड़ेगा असर
प्रशासन द्वारा कड़ा रूख अख्तियार करने के बाद इसका सबसे ज्यादा असर जेपी, गौड़ सन्स प्राइवेट लिमिटेड, वीजीए डेवलपर्स, अजनारा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ओरिस इंफ्रास्ट्रकचर पर पड़ेगा। बिल्डर्स के अलावा जिन लोगों ने इस प्रोजेक्ट में निवेश किया है उन्हें दोगुनी निराशा झेलनी पड़ सकती है।
निवेशक होंगे परेशान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशासन के फैसले का असर ग्राहकों के ऊपर पड़ने वाला है क्योंकि एक्सप्रेस-वे के पास आशियाने की तलाश में जुटे लोगों को बिल्डर्स से अब कुछ नहीं मिल पाएगा। यमुना एक्सप्रेस वे पर परियोजनाए रद्द होने से निवेशकों में घबराहट फैल गई है।
सपा सरकार ने मिली मंजूरी
गौरतलब है कि यूपी की सत्ता पर काबिज पिछली सपा सरकार ने जेपी इंफ्राटेक को यमुना एक्सप्रेस वे का निर्माण करने के बदले समझौते के तहत एक्सप्रेस वे के किनारे 500 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया था।