इलाहाबाद। नोटबंदी को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। विपक्ष लगातार सड़क से संसद तक हंगामा काटे हुए है। लोगों के पास खुल्ले पैसों का अकाल पड़ा हुआ है। बैंक में मिलने वाले दौ हजार के नोटों की वजह से छोटे नोटों की बाजार में मांग बढ़ गई है। बैंक भी लोगों से छोटे नोट जमा कराने की अपील कर चुके हैं। ऐसे में अब मठ मंदिरों ने लोगों की समस्याओं को देखते हुए कैश की किल्लत से निजात पाने का एक नया रास्ता निकाला है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस बावत एक अधिसूचना जारी की है। अखाड़ा परिषद ने मठ-मंदिरों से सीधे तौर पर कहा है कि वह चढ़ावे में आने वाले पैसों को रोजाना बैंकों में जमा कराएं इससे पैसे की किल्लत कम होगी। जिससे लोगों को बैंकों के जरिए ज्यादा से ज्यादा खुल्ले पैसे मिल सकेंगे। इससे लोगों के साथ बैंकों में कैश की कमी से निजात मिलेगी।
संगम नगरी में अखाड़ा परिषद की अहम बैठक में परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने परिषद के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श कर यह निर्य़म सर्वसम्मति से पारित किया। उनका नोटबंदी को लेकर साफ तौर पर कहना था कि हम नोटबंदी के खिलाफ नहीं है, लेकिन लोगों को जो दिक्कतें आ रही हैं, वह सरकार की गैरजिम्मेदाराना तरीके से जल्दबाजी में लिए गये निर्यण से है। हम मोदी सरकार ने कालेधन को रोकने के लिए जिस अंदाज में ये तुगलकी फैसला किया हम उस अंदाज का विरोध करते हैं।