नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेस के प्रमुख एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के विवादास्पद बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। एक ओर नेशनल कांफ्रेस अपने प्रमुख के पीछे दृढ़ता से खड़ी है और कांग्रेस व जनता दल यू उनके बयान का समर्थन करते हुए कश्मीर घाटी में बढ़ती हिंसा के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं वहीं भाजपा ने उन्हे अवसरवादी और दोमुंही बात करने वाला बताया।
फारूक अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा था कि कश्मीरी युवक आजादी के लिए हथियार उठा रहे है और घाटी में तेजी से बढ़ती हिंसा के लिए केन्द्र सरकार सही मायने मेें जिम्मेदार है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल ने कहा कि युवक अपने अधिकारों के लिए पत्थर उठा रहे हैं जिसमे कुछ भी गलत नहीं है। उन्होने कहा कि मौजूदा हालातों के लिए पाकिस्तान नहीं केन्द्र सरकार दोषी है और कश्मीरियों के लिए बड़ा खतरा है।
कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने फारूक अब्दुल्ला और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कश्मीर तनाव पर बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होने सच्चाई बयान की है पर ऐसा कर सरकार के लिए महत्वपूर्ण फैसला लेने का द्ववार खोला है।
जदयू के नेता पवन वर्मा ने कहा कि कश्मीर में युवक आतंकी गुटों में शामिल हों आजादी पाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं फारूक अब्दुल्ला से बेहतर वहां की स्थिति कौन समझा सकता है। उनकी राष्ट्रीयता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं बनता।
जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह, केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू और भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने फारूक के बयान की निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर में अलगाववादी गुटों के बहकावे में आकर युवक हथियार उठा रहे हैं। पर उनके नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। उन्होने फारूक अब्दुल्ला को कश्मीर में अशान्ति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होने चिदंबरम के बयान पर भी आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में शान्ति स्थापित करने को प्रयत्नशील है जिसका चिदंबरम और कांग्रेस पार्टी जानबूझकर अनदेखी कर रही है।
नेशनल पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह ने फारूक अब्दुल्ला के बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए, जिसे उन्होंने लूटा है।