नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाए जाने को लेकर दिए गए कोर्ट के फैसले पर कहा कि देशभक्ति की भावना को किसी पर थोपा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता कि फिल्मों से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए। हम स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं कि दिन की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ करेंगे।
इसलिए मेरा व्यकिगत रूप से मानना है कि राष्ट्रगान नहीं बजाया जाना चाहिए। आप किसी पर देशभक्ति थोप नहीं सकते हैं। सीबीएफसी की सदस्य विद्या बालन ने कहा कि जब उन्हें इस बोर्ड से जुड़ने का मौका मिला तो उन्होंने सोचा कि उनके पास कुछ परिवर्तन लाने का मौका है।
बता दें कि विद्या का कहना है कि पिछले सेंसर बोर्ड के बारे में पूरी फिल्म इंडस्ट्री की एक अलग विचारधारा थी। और जब मुझसे पूछा गया कि क्या मैं इसका हिस्सा बनना चाहूंगी तो मुझे लगा कि परिवर्तन लाने का यह सही मौका है। तो जब तक मैं उस परिवर्तन का हिस्सा नहीं बन जाती या कम से कम हिस्सा बनने की कोशिश नहीं करती तब तक मैं उसकी आलोचना भी नहीं कर सकती।
यही वजह थी कि मैंने इसके लिए हां कह दिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड मेंबर्स भी कुछ इसी तरह से सोचते हैं और वह इस बारे में विचार कर रहे हैं। विद्या ने कहा कि मैं नहीं चाहती कि आप बोर्ड को संस्कारी, गैर-संस्कारी या ऐसा कोई भी टैग दें।