लखनऊ। चंद दिनों में यूपी का चुनावी दंगल शुरू हो जायेगा। इस दंगल में उतरने के पहले हर राजनीतिक पार्टी अपनी कमर कसने लगी है। सपा बसपा,कांग्रेस और भाजपा ने अलग-अलग अंदाज से अपने अपने सियासी किलों की किलेबंदी कर ली है। कांग्रेस जहां यात्रा खाट पंचायत का सहारा ले रही है तो सपा विकास यात्रा के साथ मैदान में ताल ठोंक रही है। बसपा रैलियों के साथ माया के दम पर चुनावी जंग का बिगुल बजा रहा है। इस बार भाजपा ने अभी अपने चुनावी अंदाज पर पत्ते नहीं खोले हैं, हालांकि रैलियों बदस्तूर जारी हैं।
क्या है नई भाजपा की रणनीति
लेकिन इस बार भाजपा यूपी के चुनावों में बिहार पर के सहयोग से अपनी चुनावी जंग का आगाज करना चाह रही है। इसी रणनीति के तहत उसने बिहार ने कई चेहरों को यूपी चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका में उतारने का मन भी बनाया है। सूत्रों की माने तो बहुत जल्द ही इन नामों का खुलासा भी हो सकता है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीमा का बड़ा हिस्सा बिहार से जुड़ता है और पूर्वाचंल पर पर बिहार का प्रभाव ज्यादा बना रहता है। इस लिए भाजपा ने इस बार बिहार की राजनीति से जुड़े चेहरों को स्टार प्रचारक की भूमिका में उतार पर अपनी चुनावी बेतरणी पार करने की योजना बनाई है।
कौन-कौन चेहरे बनेगे खेवनहार
सूत्रों की माने तो इस बार बिहार के सहारे उत्तर प्रदेश का किला जीतने के लिए अब तक 7 नामों को तय किया जा चुका है। जिनको लेकर भाजपा अपनी तैयारी कर रही है। इन स्टार प्रचारकों के जरिए वो जनता के बीच अपने चुनावी पत्ते खोलेगी। जिनमें केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, राज्य सभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा, केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव,
राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन और लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे के नामों को तय किया जा चुका है। इनके अलावा सुशील मोदी, राधामोहन सिंह और रविशंकर प्रसाद को भी भाजपा अपने अभियान पर उतार सकती है।
आखिर क्या माइने रखते हैं ये चेहरे
राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर खासा प्रभाव डाल सकते है। वैसे भी वे अल्पसंख्यकों के साथ बहुसंख्यकों में अपना एक अलग स्थान रखते हैं ऐसे में साफ है कि भाजपा अपने खेमे में इस नाम के सहारे एक वोट बैंक पर कुछ हद तक अपना प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में जबकि शहनवाज हुसैन वाजपेई सरकार में मंत्री भी रहे हैं और उत्तरप्रदेश में खासा ही लोकप्रिय हैं।
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह भूमिहार समुदाय के बड़े नेताओं में सुमार हैं उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल की बेल्ट खास तौर पर भूमिहार नेताओं की प्रभावशाली बेल्ट मानी जाती है। जिस पर भाजपा अपना प्रभाव जमाने के लिए गिरिराज सिंह का इस्तेमाल करेगी। इसके साथ ही हिन्दुत्व को लेकर गिरिराज सिंह हमेशा से मीडिया में अपने बयानों को लेकर सक्रिय रहते हैं इस लिहाज से बहुसंख्यक बेल्ट पर भी वो खासा प्रभाव डालने में सक्षम हैं।
केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी
बिहार के छपरा से सांसद राजीव प्रताप रूडी का उत्तर प्रदेश में खासा ही बर्चस्व कायम है। क्योंकि छपरा की सीमा उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई है। इसके साथ ही वे प्रवक्ता के तौर पर लम्बे समय तक रह हैं। उनकी लोकप्रिय छबि का उत्तर प्रदेश के राजनीतिक वातावरण पर खासा प्रभाव है। इसके साथ ही राजपूत बेल्ट के वोटों को जोड़ने में राजीव प्रताप का पार्टी को बड़ा सहयोग मिल सकता है। असम चुनाव में भी वे मजबूत भूमिका निभा चुके हैं।
केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के लिए रामकृपाल यादोव के तौर पर भाजपा अपनी विपक्षी पार्टी पर नकेल कसने के लिए तैयारी बना रही है। रामकृपाल यादव का बिहार और उत्तर प्रदेस के यादव समुदाय पर खासा प्रभाव है। अब भाजपा इनके चेहरे के जरिए अपना वोट बैंक पिछड़ी जातियों पर बढ़ाना चाहती है। इनकी बातचीत की व्यग्य शैली के लोग यहां बहुत ही दीवाने है। ेजिसका पूरा फायदा अब पार्टी उठाने के फिराक में है।
राज्य सभा सांसद गोपाल नारायण सिंह
पार्टी अपने बहुकंख्य समुदाय के वोटों में किसी तरह की हीलाहवाली नहीं करना चाहती है। उनको एक सूत्र में रकने के लिए हिन्दुत्व वादी नेता गोपाल नारायण सिंह के जरिये साधने में लगी है। क्योंकि बिहार के साथ इनका यूपी में भी खासा प्रभाव है ऐसे में वो इनको एक मजूबत चेहरे के तौर पार्टी सामने रख रही है।
राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा
प्रदेश में बड़े पैमाने पर कायस्थ समाज के नेता है इस समाजा का यूपी में खासा ही बड़ा तबका रहता है। ऐसे में भाजपा इस समाज को इनके सहारे साधने की कोशिश करेगी। ताकि प्रदेश में जातीय समीकरण के लिहाज से कोई भी गणित खराब ना हो इस पार्टी लगातार अपनी स्थिति को मजबूती के साथ जोडने के फिराक में है।
लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे
अश्विनी चौबे को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज को साधने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसके अलावा इनका खासा प्रभाव बिहार के साथ उत्तर प्रदेश में जुड़ी सीमा के इलाकों समें भी है। भाजपा इसी को लेकर लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे को लेकर विधान सभा का रण तैयार कर रही है।
उत्तर प्रदेश के विधान सभा की रणभेरी की शुरूआत अभी होने में वक्त है पर भाजपा 270+ के नारे के साथ अपने चुनावी सफर का आगाज करने के लिए हर तरह से अपनी बिसात बिछाने की कोशिश कर रही है। फिलहाल अब चुनाव को लेकर भाजपा ने अपना शुरूआती सफर तय करना शुरू कर दिया है। देखना होगा कि उसकी ये रणनीति कितनी कारगर होती है।
(अजस्र पीयूष शुक्ला)