वॉशिंगटन। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकवादियों से लड़ने के लिए ‘दमदार’ रणनीति की कमी को लेकर अमरीकी सांसदों ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना की। आलोचना कर रहे सांसदों का कहना है कि पदभार संभालने के 6 महीने बाद भी ट्रंप प्रशासन द्वारा अफगान नीति तय न कर पाना बड़ी चिंता का मुद्दा है। उधर, US के शीर्ष सैन्य कमांडर ने यह जरूर कहा कि युद्ध से जर्जर हो चुके अफगानिस्तान में अमरीका की सैन्य और राजनयिक उपस्थिति ‘स्थायी’ होगी।
बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बीते सोमवार को हुए आत्मघाती हमलों के बाद ट्रंप प्रशासन की आलोचना तेज हो गई है। दोनों हमलों में करीब 52 लोगों मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है और लाहौर में पंजाब के मुख्यमंत्री के दफ्तर के पास पुलिस को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है।
वहीं सेनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सांसद जॉन मकेन ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि अफगानिस्तान पर अभी तक कोई रणनीति तैयार न कर पाना शर्मनाक है। मकेन इसी महीने पाकिस्तान भी गए थे। ट्रंप प्रशासन फिलहाल अफगान नीति की समीक्षा कर रहा है। इसे लेकर कई संकेत तो दिए गए हैं। लेकिन अभी यह तैयार नहीं हुआ है। मीडिया खबरों की मानें तो पाकिस्तान में सक्रिय आतंकियों द्वारा अफगानिस्तान को निशाना बनाए जाने की घटनाओं के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन इस्लामाबाद के खिलाफ सख्ती दिखाने पर विचार कर सकता है।