देहरादून। सूबे की त्रिवेन्द्र रावत सरकार पूर्ववर्ती हरीश रावत की कांग्रेस सरकार में बेरोजगारी भत्ता देने की योजना बंद करने की फिराक में है। सरकार का इस योजना को लेकर साफतौर पर कहना है कि इस योजना के चलते सूबे में बड़ी अनियमितता हुई है। श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की माने तो सरकार का मकसद बेरोजगारों को कौशल विकास योजना से जोड़ कर सूबे में रोजगार के नये सृजन से जोड़ना भी एक बड़ा कारण है इस योजना के बंद करने का।
सूबे में भाजपा सरकार अब प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता बंद कर बेरोजगारों को कौशल विकास योजना से जोड़कर प्रशिक्षित कर रोजगार के नये सृजन को तलाश रही है। इस मकसद से प्रदेश में मिलने वाले बेरोजगारी भत्ते को सरकार बंद करने की सोच चुकी है। सरकार का कहना है कि कौशल विकास योजना के जरिए वह लोगों को ट्रेनिंग देकर रोजगार देना चाह रही है। वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि भाजपा कोई नया काम नहीं कर रही बस पूर्ववर्ती सरकार के जनहित के फैसलों को बंद कर जनता के लिए मुसीबतें खड़ी कर रही है।
वहीं सेवायोजन विभाग के निदेशक अशोक कुमार की माने तो उनका कहना है कि बेरोजगारी भत्ता योजना को बंद करने का विचार सरकार को इसलिए भी आया क्योंकि इससने विभाग को अनियमित्ताओं की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके साथ सरकार अब युवाओं को कौशल विकास योजना से जोड़कर रोजगार के अवसरों को ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध कराने का प्रयास करने की सोच रही है। ताकि वे खुद भी रोजगार पाये और दूसरों को भी देने के काबिल बन सकें।