देहरादून। बर्फ की सुर्ख चोटियां चीड़ और देवदार के पेड़ों से आच्छादित पहाड़ और हिमालय की गोद ये नजारा है देवभूमि उत्तराखंड का अपने अन्दर प्रकृति की अनुपम और सौंदर्यपूर्ण विरासत को लिए उत्तराखंड विश्वभर के पर्यटकों को अपने यहां इस सौंदर्य और प्रकृति के अनुपम संयोग के लिए आकर्षित करता है। उत्तराखंड को देख कर लगता है कि जैसे किसी कलाकार ने ब्रश से कैनवॉस पर रंग बिखेर दिए हैं। ये रंग आंखों को सुकून देने के साथ मन को शांति प्रदान करते हैं। यूं तो देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन की दृष्टि से कई नजारे हैं लेकिन कुछ खास है जिनका जिक्र करना लाजमी है। इन्ही नजारों में एक है भराड़सर ताल।
देवभूमि उत्तराखंड में हिमालय की गोद में फैला हुआ ये भराडसर ताल एक विशाल सौंदर्य से पूर्ण झील का स्वरूप है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 14828 फुट है । कठिन और विशालतम चढ़ाई के बाद ये झील यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यहां तक पहुंचने केलिए नैटबाड़ से लगभग 17 किलोमीटर भीतरी गांव से होता हुआ एक रास्ता आता है। इसके साथ ही दूसरा रास्ता सांकरी जखोंल से लेक्चा और फिर कसला से लिकड़ी होते हुए आता है। दोनों ही मार्गों पर कठिन चढ़ाई है लेकिन यहां पर पहुंचने के बाद पर्यटकों को चढ़ाई की थकान का एहसास नहीं होता क्योंकि यहां का अद्भुत सौंदर्य उनकों अपने मोहपाश में बांध लेता है।
इसको लेकर अब सूबे का पर्यटन विभाग सक्रिय हुआ है। उत्तराखंड में ऐसे फैले अद्भुत नजारों को पर्यटन विभाग विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने की कवायद कर रहा है। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से एक हिमालय दिग्दर्शन यात्रा का आयोजन आने वाले 10 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक किया जाना है। इस अभियान के जरिए इस झील तक आने वाले हर पर्यटकों को इनसे जुड़े स्थानों के बारे में अवगत कराते हुए इस यात्रा को एक सुखद पर्यटक यात्रा के तौर पर विकसित करना है।