नई दिल्ली। आज सोमवार है और आज के दिन अमावस्या भी है। इसलिए इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। आज यानी 27 मार्च 2017 से लेकर 28 मार्च सुबह 08.26 तक सोमवती अमावस्या है। तो चलिए आपको बताते है सोमवती अमावस्या की पूजा विधी और इसे मनाने का कारण।
सोमवार के दिन जो अमावस्या पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहते है और यह वर्ष में एक या दो बार ही आती है। अगर आप इस दिन मौन रह कर स्नान करते है तो इससे आपको हजारो फल मिलेंगे। आज के दिन लोग पीपल और भगवान विष्णु का पूजन करते है और उनको 108 प्रदक्षिणा देते है। 108 में से 8 प्रदिक्षणा लोग पीपल के पेड़ पर कच्चा सूत लपेट कर करते है। इस प्रदक्षिणा को करते वक्त 108 फल का भोग लगाया जाता है। इसके बाद यह फल भगवान का भजन करने वाले ब्राहमण को दे दिए जाते है। ऐसा करने से संतान चिंरजीवी होती है। साथ ही इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से घर की परेशानियां कम होती है।
पूजा की विधी
अगर आप अपने घर की सुख-शांति बनाए रखना चाहते है या घर में सुख-शांति सम्रिद्धि चाहते है तो हर अमावस्या पर एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
सामग्री-
– काले तिल
– जौं
– चावल
– गाय का घी
– चंदन पाउडर
– गुगल
– देशी कपूर
– गौ चंदन या कण्डा
विधी-
गौ चंदन या चंदन को किसी बर्तन में डाल कर हवनकुंड बना लें और फिर सारी सामग्री को मिला कर एक मिश्रण बना लें और घर के सारे लोग मिल कर यह पूजा करें और नीचे दिए गए देवी-देवताओं को एक-एक कर आहुति दें।
आहुति मंत्र
1 ऊँ कुल देवताभ्यो नम:
2 ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
3 ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
4 ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
5 ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः