रुड़की। आई आई टी रुड़की में नमस्ते करने पर उड़ाया जाता है मजाक। जी हाँ आई आई टी रुड़की में अगर कोई छात्र किसी प्रोफेसर या किसी अपने सीनियर छात्र को नमस्ते कर देता है तो प्रोफेसर और सीनियर छात्र नमस्ते करने वाले उस छात्र का मजाक बनाते है, मामला और भी गम्भीर तब हो जाता है जब हमारी सरकारे हिंदी को बढ़ावा देने के लिए रोजाना नए नए कानून बना रही है।
आई आई टी रुड़की में आज से तीन दिन का राष्ट्रीय सामाजिक सम्मलेन शुरू हो गया है इस सम्मलेन के उदघाटन में देश के मशहूर पर्यावरणविद और समाज सेवी डॉ अनिल जोशी बतौर मुख्य अथिति शामिल हुए सम्मलेन शुरू होने के बाद कई छात्रों ने उनसे अलग अलग विषयों पर सवाल पूछे जिनके जवाब उन्होंने छात्रों को दिए इनमे से ही एक छात्र ने उनसे कहा की आप हिंदी को बढ़ावा देने की बात करते है लेकिन जब में यहाँ आई आई टी रुड़की में किसी प्रोफेसर या अपने किसी सीनियर छात्र को नमस्ते करता हूँ तो वो लोग मुझ पर हँसते है और मेरा मजाक बनाते है, इस पर डॉ अनिल जोशी ने छात्र को जवाब देते हुए कहा की आपके टीचर साहब को आपका गुड मॉर्निंग -गुड इवनिंग ज्यादा अच्छा लगा और नमस्ते अच्छा नहीं लगा।
आई आई टी में नमस्ते पर छात्र का मजाक बनाने के बारे में जब डॉ अनिल जोशी से मिडिया ने पूछा तो उनका कहना था की अगर ऐसा है तो यह बड़ी दुर्भाग्य बात है यहाँ बड़ा प्रश्न खड़ा होता है की हम किस देश में है क्या यह विदेश है या इसी देश का हिस्सा है क्योंकि इस तरह का व्यवहार अपनी संस्कृति अपनी भाषा की अवहेलना करना है इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए और किसी भी भाषा में बुराई नहीं है सबका सम्मान करना चाहिए हाँ अगर किसी का मजाक बनाया जाता है तो यह अच्छी बात नहीं है।
अनिल जोशी से पूछा गया की छात्र ने आपसे क्या शिकायत की है तो उनका कहना है की छात्र ने यह कहने की कोशिश की है की वो जब नमस्ते करता है तो जो प्रोफेसर साहब है वो उसको सम्मान की दृष्टि से नहीं देखते है इस पर अवश्य चर्चा होनी चाहिए की देश का प्रिमयम इन्सिटीटियूट में अगर अपनी भाषा का सम्मान नहीं है तो कल यहाँ से विद्यार्थी के रूप में निकला उत्पाद किन संस्कारो को जन्म देगा।
-शकील अनवर