इलाहाबाद। आधुनिकता के युग में प्रवेश कर रहे भारत में युवाओं के सामने शिक्षा के अवसर तो पर्याप्त मात्रा में है लेकिन रोजगार के लिए युवाओं को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। सरकारी नौकरी पाने के लिए युवा बेचैन है। ज्यादातर सरकारी संस्थानों में वर्ग-4 के फॉर्म निकलने के बाद वहां पर आवदेकों की संख्या लाखों में पहुंच रही है।
ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में देखने को मिला है। दरअसल इलाहाबाद नगर निगम में कॉन्ट्रैक्ट पर सफाई कर्मचारी के पद के लिए 1.10 आवेदन आए है। इन आवदेकों में ज्यादातर बड़ी डिग्री वाले है। कुछ आवदेकों ने तो एमबीए और बीटेक की डिग्री दिखाई है। आवेदनों को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया को करने के लिए नगर निगम की ओर से 408 दिनों का समय तय किया गया है।
चल रहे हैं प्रैक्टिकल एग्जाम
नगर निगम में सफाई कर्मचारी के पद पर भर्ती के लिए इन दिनों नालियों की सफाई के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम चल रहे हैं। सुबह-सुबह ठंड में आवेदक प्रैक्टिकल एग्जाम दे रहे हैं। रोजाना 250 लोगों का प्रैक्टिकल एग्जाम दे रहे है।
योग्यता और सीटों की संख्या
नगर निगम की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान के मुताबिक सफाई कर्मचारियों के आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता सिर्फ हिन्दी लिखना और पढ़ना आवश्यक है। फिर भी बीटेक और एमबीए वाले लोगों ने इसके लिए आवेदन भरा है। 1 लाख से ज्यादा आवेदन में सिर्फ 119 लोगों को ही आखिरी सूची में जगह मिलनी है।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में इलाहाबाद नगर निगम के कमिश्नर ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि1.10 आवेदन प्राप्त हुए है। भर्ती की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कम से कम दो सालों का समय चाहिए।