लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद भी सूबे में भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा है। भ्रष्टाचार राज्य में उसी तरह से अपने चरम पर बना हुआ जैसा की अखिलेश सरकार में हुआ करता था। दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र व्यक्तियों को मकान देने में कोताही बरती जा रही है। सरकार की तरफ से सूबे में किए जा रहे सभी अच्छे कामों को योगी सरकार के विधायक ही ठेंगा दिखा रहे हैं। भ्रष्टाचार को सूबे से जड़ से खत्म करने का दावा करने वाली योगी सरकार के नाक के नीचे उन्ही की पार्टी के एक विधायक ने सरकार के कामों की पोल खोली है।
सूबे में भ्रष्टाचार की ये बयानगी पेश की है लखीमपुर खीरी की पलिया सीट से बीजेपी के विधायक रोमी साहनी ने। उसने अपनी सरकार को ही ठेंगा दिखाते हुुए जिलों में सरकारी तंत्र की कार्यशैली और योजनाओं का हाल जानने के लिए गठित विधायकों के कोर ग्रुप की 21 सितंबर को हुई बैठक में ये फीडबैक दिया। साहनी ने फीडबैक तब दिया जब योगी सरकार छह महीने की अपनी उपलब्धियों का बखान कर राज्य में हो रहे निकाय चुनाव में जीत दर्ज करने का दम भर रही है। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार खत्म करने का दम भरने वाली योगी सरकार को साहनी के अलावा योगी के तीन और विधायकों ने राज्य में पहले भ्रष्टाचार से अवगत कराया है।
मुजफ्फरनगर के चरथावल क्षेत्र के विधायक विजय कश्यप ने बताया कि उनके जिले में पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है। भ्रष्टाचार के कारण थानों में पुलिस विधायकों की नहीं सुनती है। जौनपुर के बदलापुर क्षेत्र के विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने बताया कि जिले में ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी व थानों में तैनात सिपाही पांच साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात होने के कारण क्षेत्रीय जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। जिले में बिजली आपूर्ति मात्र चार-पांच घंटे से अधिक नहीं हो पा रही है। कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने भी बिजली संकट को गंभीर बताते हुए इसके शीघ्र निदान पर जोर दिया।