नई दिल्ली। दिल्ली में सत्तारूड आम आदमी पार्टी की मुसीबत एक बार फिर बढ़ गई है। पार्टी को आयकर विभाग ने नोटिस भेजते हुए पूछा है कि 30.67 करोड़ रुपये आप से क्यों न वसूले जाए। विभाग के नोटिस पर पार्टी का कहना है कि हमरा चंदा पवित्र है और ये शत्रुतापूर्ण कार्रवाई है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय खजांची दीपक बाजपाई विभाग के नोटिस को लेकर कहा कि विभाग का ये नोटिस आधारहीन है क्योंकि हमारा चंदा पूरी तरह से पवित्र और पारदर्शी है इसलिए इसे गैरकानूनी न ठहराया जाए। नोटिस में विभाग ने कहा है कि पार्टी 7 दिसंबर को इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखे। पार्टी पर विभाग ने आरोप लगाए है कि उन्होंने साल 2014-15 के दौरान चंदे की जानकारी छुपाई है
इसी के साथ पार्टी पर आरोप है कि उसने अपने खाते में 13.16 करोड़ रुपये के चंदे की जानकारी नहीं लिखी है।आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग को दी गई चंदे की जानकारी में 461 दान देने वालों के नाम और पते की जानकारी नहीं दी गई है जिन्होंने 6.26 करोड़ रुपये दिए। जांच के दौरान पता चला कि AAP ने 36.95 करोड़ रुपये के चंदे की जानकारी वेबसाइट पर नहीं दी और पकड़े जाने पर वेबसाइट से सारी डिटेल हटा ली और 29.13 करोड़ रुपये का चंदा चुनाव आयोग को नही बताया। इसी के साथ AAP ने हवाला ऑपरेटर से 2 करोड़ रुपये का चंदा लिया AAP ने जांच भटकाने की कोशिश की जबकि उनको अपना सफाई पेश करने के लिए 34 बार मौका दिया गया था।
गौरतलब है कि पार्टी को ये नोटिस साल 2014-15 के दौरान लिए गए चंदे के लिए आया है। इसमें अप्रैल 2014 के दौरान 2 करोड़ रुपये का चंदा भी शामिल है जिसपर काफ़ी लंबे समय से विवाद है। पार्टी पर आरोप लगाया गया है कि ये जो चंदा है वो काले धन के जरिए जोड़ा गया है, जिसको हवाला कारोबार के जरिए पार्टी तक पहुंचाया गया है। विभाग ने कहा है कि जिस समय फरवरी 2015 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव चल रहे थे उसी समय ये मामला सामने आया था जिसपर खुद पीएम मोदी ने कहा था कि ‘काली रात का काला धन’ और आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि उन्होंने पूरे नियमों के तहत ये चंदा लिया है।