उत्तराखंड

सूबे में बदतर हाल में हैं जेलें और कैदी

UTTARAKHAND Jail सूबे में बदतर हाल में हैं जेलें और कैदी

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के गठन को 16 साल बीत गये हैं। लेकिन आज भी प्रदेश कई आधार भूत सुविधाओं से वंचित है। सूबे की जेलों में बंद कैदियों की बात की जाये तो उनकी स्थिति ज्यादा दयनीय है। मानवाधिकार आयोग भी इस मामले में कई बार सूबे की सरकारों के सामने इस बात को उठा चुका है। लेकिन स्थितियां चाहें सरकार किसी की हो जस की तस हैं।

uttarakhand-jail

सूबे में मौजूदा समय में जेलों में कैदियों की संख्या को लेकर बड़ी ही भयावह स्थिति है । इस बारे में जेल महकमें का साफ कहना है कि एक तो खाली पड़े पदों पर भर्तियां नहीं हो रही है। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इस तरह की समस्याएं आ रही हैं। दूसरा सूबे में डेढ़ दशक के बाद भी 5 जिले जेल की व्यवस्था से महरूम हैं। जिसका बोझ भी उनके नजदीकी जेलों पर पड़ रहा है। हालत ऐसे है कि जैसे स्टेशनों और बस अड्डे पर लोगों का हुजूम होता है वैसा ही जेल की बैरकों में है।

ऐसे में क्षमता से अधिक कैदी जेल प्रशासन के लिए समस्या तो हैं ही, साथ ही जेल महकमा अपने यहां सृजित पदों पर भर्तियों को भी लेकर रो रहा है। मौजूदा समय में जेल अधीक्षक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के कुल सृजित पद 155 हैं जिनमें से केवल 58 पदों पर ही तैनाती हुई है, बाकी पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में जेल की सुरक्षा भी एक बड़ा प्रश्न है। जहां पर महकमे को उधार की सुरक्षा के जरिए अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए विवश है।

Related posts

सीएम धामी ने खटीमा सीट से भरा नामांकन, इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी से टक्कर

Saurabh

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जी तरीके से क्लेम हड़पने के आरोप में एमपी हॉस्पिटल के संचालक  पर केस

Rani Naqvi

चुनाव से पहले उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान, आलाकमान से खफा हरीश रावत, बयां किया दर्द

Saurabh