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लखनऊ में लाउडस्पीकरों की जांच शुरू, 22 जनवरी तक सौंपेंगे रिर्पोट

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लखनऊ। लखनऊ में मंगलवार को धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों पर टांगें गये लाउडस्पीकरों की ध्वनि प्रदूषण (रेग्यूलेशन एण्ड कंट्रोल) नियम- 2000 के अनुसार जांच शुरू हो गयी। सात दिनों तक प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में चलने वाले अभियान के बाद लाउडस्पीकरों की क्षमता और मानक की रिर्पोट 22 जनवरी तक जिलाधिकारी को सौंपी जायेगी।

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बता दें कि लखनऊ में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के नेतृत्व में अनुमति मांगने वाले लाउडस्पीकर संचालकों के स्थलीय निरीक्षण के लिये अपर नगर मजिस्ट्रेटों और थानावार पुलिस टीमें सक्रिय हो गयी हैं। इसमें बनाये गये जोनों में सम्बन्धित अधिकारी अपर नगर मजिस्ट्रेट और अपर पुलिस अधीक्षक या क्षेत्राधिकारी समेत स्थानीय थाना पुलिस शामिल हैं। सात दिनों तक चलने वाले लाउडस्पीकर जांच अभियान में उन सभी स्थानों की जांच होगी, जिन्होंने अपने धार्मिक या सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर अनुमति मांगी हैं।

वहीं इस दौरान जांच अधिकारियों को कहीं पर लाउडस्पीकर मानक के अनुरूप नहीं मिलते है तो ऐसी जगहों पर लाउडस्पीकर को उतारने की कार्यवाही हो सकती हैं।बता दें कि उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के ध्वनि प्रदूषण (रेग्यूलेशन एण्ड कंट्रोल) नियम- 2000 पर सख्त होने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) अरविन्द कुमार ने नियम का पालन कराने को लेकर जिलाधिकारियों को निर्देश दिये। इसमें नियमानुसार सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाले लाउडस्पीकरों को 10 डेसिबल (डीबी) के अनुपात पर ही चलाने की अनुमति दी जायें और ऐसा नहीं मिलने पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया।

इसी क्रम में व्यक्तिगत कार्यक्रमों में लगने वाले लाउडस्पीकर मात्र पांच डीबी के अनुपात पर ही चलाने की अनुमति दिये जाने और ऐसी स्थिति नहीं मिलने पर भी कार्यवाही करने के उन्होंने निर्देश दिये। क्या है ध्वनि प्रदूषण (रेग्यूलेशन एण्ड कंट्रोल) नियम- 2000 ध्वनिप्रदूषण (रेग्यूलेशन एण्ड कंट्रोल) नियम- 2000 के तहत जिलाधिकारी प्रमुख अधिकारी है, जिसकी अनुमति के किसी सार्वजनिक स्थान पर रा​त्रि 10 बजे के बाद प्रात:काल छह बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जायेगा।
साथ ही किसी भी बंद स्थान पर ये नियम लागू नहीं होगा और कमरा, सभागार या किसी बंद स्थान के भीतर आयोजक अपने अनुसार लाउडस्पीकर लगा सकता हैं। इस नियम में राज्य सरकार की ओर से अधिकतम 15 दिनों के लिए सांस्कृतिक या धार्मिक उद्देश्य से होने वाले कार्यो में रात्रि दस बजे के बाद मध्य रात्रि बारह बजे तक लाउडस्पीकर लगाने की छूट दी जा सकती है।

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