हरदोई। जहां योगी सरकार प्राइवेट हॉस्पिटलों पर शिकंजा कस्ती नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक सरकार की बात को बिल्कुल भी मानने को तैयार नही है साथ हॉस्पिटल आने वाले गरीब मरीजों को लूटने का काम ये प्राइवेट हॉस्पिटल कर्मी करते नजर आ रहे है। जब मरीजों के परिजन पैसे देने की मांग उनकी पूरी नही कर पाते है तो प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक मरीजों को हॉस्पिटल से भागा देते है। जिस के कारण कुछ मरीज तो मौत की नींद सो जाते है। मगर प्रशासन की तरफ से इनके ऊपर कोई कार्रवाई नही की जाती है। क्योंकि ये प्राइवेट नर्सिंग होम संचालक ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों की जेब गर्म किए रखते है। जिस कारण सभी अधिकारी इनके ऊपर कार्रवाई करने में हाथ खड़े कर लेते है।
सारा मामला जनपद हरदोई के टड़ियावां थाना क्षेत्र के अहिरोरी गांव का है। जहां की रहने वाली रेखा देवी ने अपने पुत्र राजेश के इलाज के लिए अपना एक बीघा खेत गिरवी रखकर कोतवाली शहर क्षेत्र में स्थित बाला जी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जिसकी जवानी की शुरुआत भी नही हुई थी। उसके साथ इन दरिंदे डॉक्टरों ने ऐसा खेल खेला की उसका प्राइवेट पार्ट हमेशा के लिए बिल्कुल खराब हो गया। डॉक्टरों ने पीड़ित राजेश की मां से पहले तो 8 हजार रुपये जमा कराए तथा उसके बाद 5 हजार रुपये और मांगे जा रहे थे। जिसको वो गरीब बेबस मां नही दे सकी थी। जिसके बाद डाक्टरो ने इतना घिनौना खेल उसके पुत्र की जिंदगी के साथ खेला और पीड़ित व उसके परिजनों को हॉस्पिटल से भागा भी दिया।
जिसके बाद उसकी मां ने अपने पीड़ित पुत्र राजेश को गम्भीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों के मुताबिक उसका प्राइवेट पार्ट बिल्कुल सड़ चुका है। जो अब जिंदगी भर के लिए किसी काम का नही रह गया है। महज सिर्फ 5 हजार रुपयों को लेकर धरती के भगवान ने शैतानों से बढ़कर गिरा हुआ काम कर डाला। अब देखना यह है कि योगी सरकार इन लुटेरे डॉक्टरों के ऊपर किस तरह से कार्रवाई करती है। क्योंकि आए दिन पैसों के विवाद को लेकर कोई न कोई मरीज मौत के घाट उतर जाता है।