लाहौर। पाकिस्तान के भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पाकिस्तान का सर्वोच्चा वीरता पुरस्कार निशान-ए-हैदर दिए जाने की मांग की है। इसी के साथ संगठन ने लाहौर के शादमान चौक पर उनकी एक प्रतिमा लगाए जाने की भी मांग की है। बता दें कि इस संगठन ने भगत सिंह को निर्दोष शामिल करने के लिए कोर्ट में याचिका भी दायर की हुई है। आपको बता दें कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को दो अन्य स्वतंत्रता सेनानियों राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च, 1931 को 23 साल की उम्र में लाहौर में फांसी दी गई थी।
इन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ षड्यंत्र रचा और ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स की हत्या की। पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की सरकार को दी अपनी ताजा अर्जी में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने कहा है कि भगत सिंह ने उपमहाद्वीप की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। याचिका के अनुसार पाकिस्तान के संस्थापक कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने भगत सिंह को यह कहते हुए श्रद्धांजलि दी थी कि उपमहाद्वीप में उनके जैसा कोई वीर शख्स नहीं हुआ है।
भगत सिंह हमारे नायक हैं। वह मेजर अजीज भट्टी की तरह ही सर्वोच्च वीरता पुरस्कार (निशान-ए-हैदर) पाने के हकदार हैं, जिन्होंने भगत सिंह को हमारा नायक तथा आदर्श घोषित किया था। फाउंडेशन ने शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक करने की भी मांग की। फाउंडेशन ने कहा कि पंजाब सरकार को इसमें और विलंब नहीं करना चाहिए। जो देश अपने नायकों को भुला देते हैं, वे धरती से गलत शब्दों की तरह मिट जाता हैं।