जयपुर। बिजली आवश्यकताओं की पूर्ति करने तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से श्री गंगानगर जिले की ग्राम सेवा सहकारी समिति, 24 एपीडी ने 20 किलो वॉट का सोलर प्लांट स्थापित किया है। यह प्लांट जुलाई के दूसरे सप्ताह में बिजली का उत्पादन करना प्रारम्भ कर देगा। यह प्लांट प्रदेश का पहला सहकारी सोलर पॉवर प्लांट है। सहकारिता एवं गोपालन मंत्री अजयसिंह किलक ने बताया कि आमजन को स्वच्छ पर्यावरण देने तथा उनके सतत एवं समावेशी विकास के प्रति संकल्प को मूर्त रूप देने की दिशा में सहकारी क्षेत्र में अक्षय उर्जा के उत्पादन करने के लिए सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना की गई है।
उन्होंने बताया कि यह पर्यावरण संरक्षण तथा क्लीन एनर्जी की दिशा में एक पहल है। हम प्रदेश में अन्य सहकारी समितियों में ऐसे सोलर पॉवर प्लांट स्थापित करने के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं और शीघ्र ही दूसरी समितियों में ऐसे पॉवर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। किलक के मुताबिक, समिति द्वारा 20 किलोवॉट क्षमता का ‘ऑन ग्रिड रूप टॉप सोलर सिस्टम’ लगाया है, जो लगभग 2 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर लगभग 12 लाख 65 हजार रुपये की लागत आई है। इस पर अक्षय उर्जा विभाग से 30 प्रतिशत अनुदान के रूप में 3 लाख 79 हजार 504 रुपये की सहायता प्राप्त हुई है।
उन्होंने बताया कि इससे सालभर में लगभग 33 हजार बिजली की यूनिट अर्थात् प्रतिदिन लगभग 100 से 110 यूनिट का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि समिति का औसत बिजली का उपभोग 80 यूनिट प्रतिदिन है। इस प्रकार वर्ष में लगभग 10 हजार यूनिट बिजली को ग्रिड को बेचा जाएगा।
उन्होंने बताया कि इससे समिति को साल भर में लगभग 1 लाख रुपये का बिजली का बिल नहीं भरना पड़ेगा और कमाई अलग से होगी। निर्बाध बिजली की आपूर्ति होगी संभव सहकारिता मंत्री ने बताया कि सोलर प्लांट के लगने से समिति द्वारा चलाए जा रहे जिम्नेजियम, आरओ प्लांट, सहकारी सुपर मार्केट, महिलाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर आदि सभी को पूरे वर्ष निर्बाध बिजली उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट की देखरेख काफी आसान है। सोलर प्लेट पर धूल मिट्टी न जमे इसके लिए इन्हें नियमित रूप से पानी से धोना आवश्यक है।