जयपुर। किराए नामे के नाम पर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रिजेक्ट होने वाले वाहन प्रदेश में जोरों से बिक रहे हैं। जिन पर नकेल कसने के लिए सरकार ने अब रजिस्ट्रेशन के लिए स्थायी पता होना अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब राजस्थान में अब किराएदार वाहन नहीं खरीद पाएंगे।
रोक के बाद लोगों को वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए मूल दस्तावेज प्रदान करने होंगे।
ये आदेश राजस्थान के प्रमुख परिवहन सचिव शैलेंद्र अग्रवाल ने जारी किया है। खबरों के अनुसार किरायानामे पर रजिस्ट्रेशन होनेवाले 5 हजार से भी ज्यादा वाहनों और वाहन स्वामियों की परिवहन विभाग को कोई सूचना नहीं मिल रही है।
इन वाहनों को अधिकारियों ने किराए नामे पर रजिस्ट्रेशन तो कर दिया, लेकिन वेरिफिकेशन नहीं होने पाने से इन वाहनस्वामियों की पूरी सूचना नहीं मिल सकी। पांच साल तक लोग इन गाड़यों को बिना चुकाए चलाते रहे। टैक्स ज्यादा होने पर वाहन स्वामियों ने अपना पता ही बदल लिया।इस वजह से विभाग के केवल जयपुर में ही लगभग 6 करोड़ रुपए डूब गए।