कावेरी जल विवाद मामले में तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी में कहा गया है कि कर्नाटक ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2016 के आदेश के मुताबिक छह टीएमसी फीट पानी नहीं दिया है। 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश में संशोधन करने की याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कर्नाटक तमिलनाडु को छह हजार क्यूसेक पानी दे। कर्नाटक की दलील थी कि ये आदेश पिछले साल बीस से तीस सितंबर तक के लिए था जो समय अब खत्म हो गया है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में संशोधन करे।
वही कारेरी विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। संबंधित मामले के चलते तमिलनाडु में किसानों के एक संघ की तरफ से घोषित राज्यव्यापी रेल रोको प्रदर्शन किया गया था। जिमें द्रमुक सहित कई विपक्षी दल शामिल हुए थे। जिन्होंने मिलकर केंद्र से कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना का अनुरोध किया था। वही राज्य में स्थिति के आंकलन के लिए उच्चतम न्यायालय की तरफ से एक उच्च स्तरीय तकनीकी दल का गठन किया गया था। ऐसे में तटीय क्षेत्र का मुआयना करने के बाद यह प्रदर्शन किया गया था।
पुलिस ने बाद में सभी प्रदर्शनकारियों को अपनी हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद केंद्र से सीएमबी के गठन करने का अनुरोध किया गया था। ऐसे में किसानों ने एक संघ ने दो दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। बता दें कि कर्नाटक से कावेरी के जल को छोड़े जाने की मांग वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस गल का गठन किया था।