पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ने लगा है, अभी तक स्वाइन फ्लू के 11 मरीज सामने आ चुके हैं। जिनमें से केवल मेरठ के ही आठ मरीज हैं। स्वाइन फ्लू के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है। अभी तक स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत हो चुकी है। सीएमओ ने अलर्ट जारी करते हुए सुचारु व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
स्वाइन फ्लू पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। मेरठ में स्वाइन फ्लू के दो और रोगी मिलने से अभी तक स्वाइन फ्लू के रोगियों की संख्या 11 पहुंच गई। स्वाइन फ्लू से पीड़ित दोनों महिला मरीजों का उपचार कराया जा रहा है। चार अन्य स्वाइन फ्लू रोगियों में से तीन की हालत स्थिर है। एक रोगी की हालत गंभीर बताई जा रही है। हलाकि इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण के लिए जा रहे दावों की कलई खुल रही है। स्वाइन फ्लू से पीड़ित दो रोगी सामने आए। इनमें एक कमलानगर निवासी अनुपमा और सरूरपुर की रेशमा हैं। रेशमा गर्भवती हैं और वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग ने दोनों महिलाओं और इनके परिवारों के सदस्यों को टेमी फ्लू दी है।
साथ ही आसपास के इलाकों में लोगों की जांच कराई जा रही है। सीएमओ ने स्वाइन फ्लू वार्ड में रोगी के उपचार के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश जारी किए हैं और कहा की बुखार के रोगियों को गंभीरता से जांच कराते हुए उपचार कराएं। डॉक्टरों की मानें तो स्वाइन फ्लू वायरस को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है। इस वायरस से बचने के लिए क्रॉनिक बीमारियों से बीमार, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, सर्दी-जुकाम से पीड़ित बच्चे और बुजुर्गों को विशेष तौर से सावधानी बरतने की जरूरत है। उनकी माने तो सार्वजनिक स्थलों पर छींकते-खांसते समय मुंह पर रुमाल जरूर रखें। सर्दी-जुकाम से पीड़ित या संभावित लक्षणों वाले लोगों को सावर्जनिक या भीड़ वाले स्थान पर जाने से पहले नाक और मुंह जरूर ढंक लें।