नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातर विदेशो में फंसे भारतीयों की मदद के लिए सुर्खियों में रही है। इसी सिलसिले में एकबार फिर सुषमा स्वराज ने मंगलवार को प्रताड़ना के आरोपों को लेकर नॉर्वेजियन चाइल्ड वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा माता पिता से बच्चे को अलग करने को लेकर आवाज उठाते हुए उसे उसके माता पिता को दोबारा वापस लौटाने के लिए कहा है। सुषमा स्वराज ने यह जानकारी ट्वीटर के माध्यम से दिया है।
Our Ambassador in Norway is meeting the Norwegian authorities today reg Aryan. /1
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) December 27, 2016
I refuse to accept that foster parents can take better care of the child than the natural parents. /2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) December 27, 2016
विदेश मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि हम हम चाहते हैं कि आर्यन को उसके जैविक मां-बाप को लौटा दिया जाए। यह हमारा दृढ़ रुख है और भारतीय राजदूत नॉर्वेजियाई प्रशासन को इसकी सूचना दे देंगे। उन्होंने कहा है कि मैं यह नहीं मान सकती हूं कि पालन पोषण करने वाले माता पिता जैविक माता पिता से बच्चे की ज्यादा बंहतर देखरेख कर सकते हैं। पालन करने वाले मां-बाप को भारतीय संस्कृति और हमारे खान-पान की कोई जानकारी नहीं होती।
एनसीडब्ल्यूडी ने आर्यन के माता-पिता को सूचित किए बिना ही उसे 13 दिसंबर को ओस्लो स्थित उसके किंडरगार्टन स्कूल से ले जाकर बाल कल्याण गृह में रख दिया था। उसकी मां गुरविंदरजीत कौर को भी कस्टडी में लेकर पूछताछ की गई थी। आर्यन के पिता अनिल कुमार ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उनके बेटे को दमा है। बच्चा और उसके पिता नॉर्वे के नागरिक हैं, जबकि मां भारतीय पासपोर्ट धारक हैं।