नई दिल्ली। इराक में लापात 39 भारतीयों के मुद्दे पर सुषमा स्वराज ने अपनी बात रखी उन्होंने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि वो सबूत के बिना किसी को भी मृत घोषित नहीं करेंगी ये पाप है और मैं इस पाप की भागेदार नहीं बनना चाहती और न ही उन परिवार वालों को झूठी तसल्ली देना चाहती हूं। कोई भी फैसला बिना सबूत के नहीं किया जाएगा। सुषमा ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिसपर बहुत ही सोच समझकर बात करने की जरूरत है। सुषमा ने आगे कहा कि उन्होंने 6 देशों के मंत्रियों से बात की है। जिसमें लापता भारतीयों के मारे जाने का कोई सबूत नहीं मिला है। बिना सबूत के मोसूल में लापता भारतीयों को मरा हुआ समझ लेना अपराध है।
बता दें कि अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सुषमा ने कहा कि मान लीजिए मैं आज किसी को मरा हुआ घोषित कर दूं और कल वो जिंदा आ जाए तो उसको मरा हुआ घोषित करने का पाप मेरे ऊपर आएगा और मैं इस पाप की भागेदार नहीं बनना चाहती। हम लापता लोगों की तलाश करेंगे और जो लोग ये कह रहे हैं कि लापता भारतीय मार दिए हैं तो उसकी जिम्मेदारी लें और अगर वो लोग जिंदा आ गए तो उसका जवाब भी वहीं लोग देंगे। सुषमा ने कहा कि ये घटना हमारी सरकार बनने के 20 दिन बाद की है। उस समय हरजीत ने एक बयान दिया था जिसमें उसने कहा था कि मेरे सामने उन 39 भारतीयों को मार दिया गया था और मैं वहां से भाग गया था। लेकिन हमें इस तरह की न तो कोई जानकारी मिली और न ही उन भारतीयों की लाशे मिली। इस पर मैने 24 नवंबर 2014 को कहा था कि एक व्यक्ति कह रहा है कि वो मर गए हैं और 6 सुत्रों का कहना है कि वो जिंदा हैं।
वहीं सुषमा ने कहा कि अगर 6 सुत्र कह रहे हैं कि वो जिंदा है तो क्या मुझे उन्हें ढूंढना नहीं चाहिए। मैने बार-बार सदन में कहा है कि मेरे पास न तो उनके जिंदा होने का कोई सबूत है और न ही उनके मृत होने का कोई सबूत है। सुषमा ने आगे कहा कि मै 12 बार उन पीड़ितों के परिवार से मिली हूं और मैंने हर बार उनसे यही कहा है कि मेरे पास उनके जिंदा या मरे होने का कोई सबूत नहीं है। मैंने ये बात सुत्रों के हवाले से कही है। साथ ही सुषमा ने कहा कि उन लोगों की फाइल तब तक बंद नहीं होगी जब तक कोई सबूत नहीं मिल जाता। तस्वीरे सिर्फ इतना बताती हैं कि जेल गिर गई थी लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि भारतीय मार दिए गए हैं।