काठमांडू। नेपाल के काठमांडू में बीते गुरूवार को 15वें बिमस्टेक में विदेश मंत्री सम्मेलन में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी हिस्सा लिया। जहां उन्होंने नेपाल के विदेश मंत्री दोरजी से मुलाकात की। डोकलाम को लेकर बढ़ रहे तनाव के बाद भारत और भूटान के विदेश मंत्रियों की ये पहली मुलाकात है। इस मुलाकात में दोनो विदेश मंत्रियों ने मिल कर इस मुद्दे पर चर्चा की कि डोकलाम को लेकर तनाव कैसे कम किया जा सकता है। क्योंकि डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है और इससे निपटने का कोई रास्ता नहीं निकल रहा है। जहां एक तरफ चीन भड़काऊ बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहा तो वहीं भारत ने भी ठान ली है कि वो भी पीछे नहीं हटेगा।
बता दें कि एक तरफ तो चीन और भारत के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं। तो वहीं भूटान इस सब पर चुप्पी सादे हुए है। भूटान ने 19 जून को एक बयान जारी किया था जिसमें उसने चीन द्वारा डोकलाम में सड़क बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही काठमांडू में बिमस्टेक के सदस्यों के बीच बैठक हुई। उसके बाद सुषमा नेपाल के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात की। उसके बाद शाम 6 बजे बिमस्टेक उद्घाटन सत्र होगा उसके बाद बिमस्टेक डिनर होगा। उसके बाद सुषमा 11 अगस्त को भूटान के साथ द्वीपक्षीय वार्ता की। और दोपहर 2 बजे श्रीलंका के साथ द्वीपक्षीय वार्ता और शाम 5 बजे इंडियन हाउस में समारोह का आयोजन किया गया। इसके साथ ही उम्मीद लगाई जा रही है कि इस मुलाकात के बाद सुषमा और भूटान के विदेशमंत्री ने डोकलाम को लेकर भारत की विदेश मंत्री को आश्वासन दिया कि डोकलाम के मुद्दे को बहुत हा शांतिपूरवक सुलझाया जाएगा।