नई दिल्ली। सुपरस्टार रजनीकांत लाखों लोगों के दिलों की धड़कन कहे जाते हैं। लोग उनको भगवान की तरह पूजते हैं। लोग उनके स्टाइल की कॉपी करते हैं और इसी के बदाल रजनीकांत ने लोगों की मदद करने के लिए राजनीति में आने का फैसला लिया है और उन्होंने इसका एलान भी कर दिया है। सन् 1998 के लोकसभा चुनाव में रजनीकांत ने बीजेपी का समर्थन किया था, 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी रजनीकांत से मिले लेकिन तब भी तमिलनाडु में बीजेपी को फायदा नहीं हुआ।
दरअसल एआईएडीएएमके प्रमुख जयललिता के निधन और डीएमके प्रमुख करूणानिधि की अधिक उम्र की वजह से तमिलनाडु की राजनीति में रजनीकांत के लिए संभावनाएं काफी हैं, लेकिन उनकी ये नयी राह आसान नहीं है. राजनीति में आने के उनके संकेत के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया है। तमिल समर्थक एक संगठन ने उनके खिलाफ प्रदर्शऩ किया। लेकिन अब रजनीकांत ने खुलेतौर पर राजनीति में आने और अपनी एक अलग पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। रजनीकांत उन लोगों में से हैं जिन्होंने फर्श से उठकर अर्श तक का सफर तय किया है। एक मामूली सा कारपेंटर कभी साउथ का इतना बड़ा सुपरस्टार बन जाएगा ये तो खुद रजनीकांत ने भी कभी नहीं सोचा होगा। रजनीकांत का शुरुआती जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। उन्होंने कुली , बस कंडेक्टर जैसे कई छोटे बड़े काम किए।
बता दें कि वैसे तो रजनीकांत को शुरू से ही थिएटर में दिलचस्पी थी लेकिन पैसों के लिए उन्होंने नौकरी शुरू की, लेकिन इस बीच उन्होंने अपने अंदर के कलाकार को कभी मरने नहीं दिया। इसी के चलते उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया और वहां से फिल्मी सफर की शुरुआत हुई। रजनीकांत एक तमिल एवं हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। दक्षिण भारत में भगवान की तरह पूजा जाता है। उन्होंने अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड विजेता फ़िल्म ‘अपूर्व रागङ्गल’ (1975) से की, जिसके निर्देशक के. बालाचन्दर थे, जिन्हें रजनीकान्त अपना गुरु मानते हैं। रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 में बैंगलूरु में एक मराठा हेन्द्रे पाटील परिवार में हुआ रजनीकांत का पुरा नाम शिवाजीराव गायकवाड है पिता रामोजीराव और मां का नाम जिजाबाई गायकवाड है। रजनीकांत ने लता रंगाचारी से 26 फरवरी 1981, तिरुपति, आंध्र प्रदेश शादी की। रजनीकांत की दो बेटियां भी हैं।