नई दिल्ली। इस जगत इस संसार का रचियता एक है, पालनकर्ता एक है और संहारकर्ता भी एक है। पूरी सृष्टि में जो कुछ है वह केवल और केवल यही “एक”है कहीं भी कुछ भी दूसरा नहीं है। इंसान को भ्रम है कि इस सृष्टि से भी अलग कहीं कोई दूसरी सृष्टि भी है जिसे यह इंसान स्वर्ग और नरक का नाम देता है जबकि हकीकत है कि स्वर्ग भी यही है और नरक भी यहीं है। क्योंकि इंसान जब तक पाप मुक्त नहीं हो जाता तब भगवान् भी उसको अपने सानिध्य में नहीं बुला सकता है।
भगवान ने इंसान को पाप मुक्त करने की भी जिम्मेदारी किसी ना किसी को सौंपी है जो इंसान को उसकी मृत्यु के पहले इस धरती पर ही पाप मुक्त कर देता है और जब उसकी आत्मा परमात्मा से मिलती है तो वह निष्पाप होती है। जी हाँ….हम बात कर रहे हैं इस धरती के न्यायाधीश भगवान् शनि देव की, जो इंसान को उसके भले बुरे कर्मों का फल इसी जन्म में यानि इसी धरती पर देते हैं। लोग भगवान् शनि और उनकी दृष्टि को बहुत ही गुस्सैल और मारक समझते हैं जबकि शनि वास्तव में मारक न हो कर तारक हैं दयावान हैं। शनि इंसान को उसके कर्मों का फल देकर उसे पापमुक्त बनाते हैं।
शनि के लिए अगर आपको सार्थक उपाय करने हैं तो आने वाले 18 नवम्बर को शनिचरी अमावस्या है इस दिन आप शनि को लेकर कई उपाय कर अपने आपको शनि से होने वाले प्रकोपों से बचा सकते हैं। इस बारे में शनि के साधक शनि धुना मंदिर मेरठ के चीकू बाबा के अनुसार इस दिन शाम 5 बजकर 53 मिनट तक अमावस्या रहेगी जो शनिचरी अमावस्या कहलाती है। ये दिन शनि के उपाए करके शनिदेव को मनाने का शुभ दिन रहेगा।
इसके साथ ही बाबा चीकू के मुताबिक इस दिन शनि देव की काले उड़द, सरसों व तिल का तेल चढ़ा कर अशुभ प्रभाव दूर करने की प्रार्थना करें, अगर शनि का उतारा कर लें अति उत्तम। इस दिन दान करने के लिए काला कपड़ा, काले उड़द, काले तिल, सरसों का तेल, काजल, सुरमा, काली कील, चमड़े का टुकड़ा, पत्थर का कोयला, लोहे का पात्र, ये सभी वस्तुएं इच्छा अनुसार ले कर काले कपड़े पर रख कर शनि मंत्र या चालीसा का पाठ कर लें, और सभी वस्तुएं काले कपड़े में बांध कर, अपने शरीर से ७ बार उल्टा उतारा कर लें, और शनिमंदिर शनिदेव पीपल के चरणों मे अर्पित कर दें।
शनि साधक-बाबा चीकू