नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के लिए सूबे में फिर से जमीन तलाशना एक बड़ा चैलेंज बन चुका है। जहां पार्टी के अंदर फैली उठापटक और मुलायम परिवार में अनबन सिर उठाए खड़ी है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी का विशालकाय स्वरूप भी सपा के लिए मुसीबत बन चुका है। लेकिन इन सब बातों से इतर अखिलेश यादव ने इस चैलेंज को स्वीकारते हुए नई शुरुआत की है।
अखिलेश की इस नई रणनीति के पीछे कई चेहरे शामिल हैं। इन चेहरों में चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सपा में शामिल हुए संजय अग्रवाल का नाम उभर कर सामने आ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो संजय पर अखिलेश खूब भरोसा रखते हैं साथ ही उनकी रणनीति के पीछे कहीं न कहीं संजय ही होते हैं।
भाजपा का फॉर्मूला अपनाएंगे संजय:-
बुंदेलखंड जिले में वैश्य समाज का बड़ा चेहरा माने जाने वाले संजय अब अखिलेश की छवि को बदलने के लिए जुट गए हैं। कभी भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे का झंडा बुलंद करने वाले संजय अग्रवाल अखिलेश को हिंदूवादी चेहरा देने की कोशिश कर रहे हैं साथ 2019 के चुनावों में एक बड़ी पार्टी के तौर में सपा को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि हाल ही में हुए चुनावों में हिंदुत्व का मुद्दा बहुत गरमाया था इसी मुद्दे को भुनाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
कौन हैं संजय अग्रवाल:-
बदहाल बुंदेलखंड में संजय अग्रवाल वैश्य समाज का एक बड़ा चेहरा हैं। अखिल भारतीय व्यापार सभा के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने एक लंबे अरसे तक भारतीय जनता पार्टी के लिए काम किया है। इसके बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होकर वह बतौर राष्ट्रीय सचिव कम कर रहे हैं। अपने मधुर स्वाभाव और साफ छवि के लिए संजय काफी जाने जाते हैं।
क्या है प्लान:-
2019 के चुनावों के लिए अखिलेश ने संजय पर भरोसा जताया है साथ ही पार्टी की एक बड़ी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। संजय अग्रवाल जोकि हिंदूवादी सोच के साथ एक नया प्लान सपा के लिए लाए हैं वहीं सीएम अखिलेश के छेहरे को बदलने के लिए भी उनके पास कई आइडिया हैं। राजनीतिक गलियारों से खबर ये भी है कि 2019 चुनावों से पहले वह 1 हजार भागवत कराने जा रहे हैं जिसमें अखिलेश भी शामिल हो सकते हैं।