लखनऊ। समाजवादी परिवार आज जिस दौर में गुजर रहा है उस दौर की कल्पना इस पार्टी के गठन के वक्त कभी नेता जी ने सोची भी ना होगी। बीते 2 दिनों के सियासी ड्रामे पर नेताजी एक के बाद एक फॉर्मूला निकालते रहे लेकिन उनके हर फार्मूले फुस हो गये। सुबह जिस तरह प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सियासी घटनाक्रम बदलने लगे उसके ये साफ हो गया कि अभी पार्टी जिस आईसीयू में भर्ती है वहां से बाहर नहीं निकल पा रही है।
राम गोपाल का निशाना
रामगोपाल यादव ने मुलायम के जेल जाने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका ये बयान पूरी तरह से नासमझी है। इसके बाद सपा सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए रामगोपाल ने कहा कि मुलायम अपने बेटे अखिलेश की लोकप्रियता से जलते है और ये बात तो वो और शिवपाल ही बताएंगे कि आखिर अमर में क्या खूबी है क्योंकि अमर चुनाव नहीं जिता सकते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि
खोटा सिक्का कभी-कभी असली सिक्के को बाहर कर देता है।
अमर की अमर वाणी
समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा करार दिया है। अमर सिंह ने कहा अखिलेश एक शानदार मुख्यमंत्री है और लेकिन उन्हें जननेता बनने में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वो नेता नहीं है लेकिन जननेता बनने में उन्हें थोड़ा समय लगेगा। इसके साथ ही जब उनसे अखिलेश के ऊपर प्रश्न पूछा गया तो अमर ने कहा कि उनके जन्मदिन पर बधाई देता हूं वो मेरे नेता के बेटे है। लेकिन उनकी उम्र काफी कम है मुलायम सिंह का अनुभव उनके साथ होना बेहद जरुरी है। इसके अलावा पार्टी से बर्खास्त मंत्री रामगोपाल पर बड़ा हमला करते हुए अमर सिंह ने कहा कि वो एक नपुंसक है।
अखिलेश के साथ बैठक
जैसे जैसे सुबह का वक्त बीतता गया उसी के साथ चर्चाओ और सम्भावनाओं का बाजार गरम होता गया। कोई सुलह की बात कर रहा था तो कोई बर्खास्त मंत्रियों की वापसी और शिवपाल की वापसी की बात कर रहा था। सुबह ही शिवपाल अपने साथ बर्खास्त मंत्रियों को लेकर पहले पार्टी कार्यालय गये फिर सपा सुप्रीमो के आवास पर जहां अखिलेश यादव को ंसपा सुप्रीमो ने बुलाया मंत्रणा का दौर चला। फिर खबर आई की तीनों लोग संयुक्त प्रेस करेंगे। धीरे धीरे साफ हो गया सब सुलझ गया है।
मुलायम की प्रेस
संयुक्त प्रेस कर फॉर्मूला किंग मुलायम जो करना चाहते थे ऐन वक्त पर बेटे ने किए कराए पर पानी फेर दिया। बेटा प्रेस में नहीं आया इंतजार के बाद मुलायम ने मोर्चा संभाला और फिर पहले तो रामगोपाल के सवाल पर कहा कि उनको मैं कोई अहमियत नहीं देता। राम गोपाल की बात को मैं अब कोई तवज्जो नहीं देता, उसका मेरे लिए अब कोई महत्त्व नहीं है। फिर अमर प्रेम का राग अलापते हुए अमर सिंह पर बोले उनको इस विवाद में खींचना गलत है। उनका कोई लेना देना नहीं। अखिलेश को लेकर कहा कि वो मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अगला मुख्यमंत्री विधायकों की आम सहमती के आधार पर होगा।
फिलहाल अखिलेश का प्रेस में ना आना ये साफ कर गया कि नेता जी चाहें कितना भी कहें परिवार औऱ पार्टी में सब ठीक है लेकिन हकीकत है कि आग तो अभी सुलग ही रही है। अब ये आग क्या सितम और कहर ढायेगी ये वक्त ही जाने लेकिन सूबे की सियासत जरूर इस समाजवादी आग से गरम हो गई है।
(अजस्रपीयूष शुक्ला)