नई दिल्ली। बीते मंगलवार को रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मालिक के खिलाफ प्रद्युम्न हत्या मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं हत्या की जांच कर रही टीम ने कई गड़बड़ियां पाई है। एसआईटी टीम ने सीसीटीवी लगाने में गड़बड़ी पाई है। कैमरों में ठीक से लगवाया भी नहीं गया था। वहीं कर्मचारियों के लिए स्कूल में अलग टॉयलेट की भी सुविधा नहीं थी। इतना ही नहीं स्कूल में जो कर्मचारी लगे हुए थे उनमें से एक पुलिस वेरिफिकेशन भी ठीक से नहीं हुआ था। वहीं प्रद्युम्न का परिवार इंसाफ के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।
बता दें कि एसआईटी की तीन सददस्य टीम ने अपनी जांच में पाया है कि स्कूल की व्यवस्था बिल्कुल भी ठूक नहीं थी। स्कूल में न तो स्टाफ के लिए अलग सो कोई टॉयलेट था और ही वहां काम कर रहे कर्मचारियों का ठीख से पुलिस वेरिफिकेशन था। स्कूल की बाउंड्री भी टूटी हुई थी और टॉयलेट बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। एसआईटी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद गुरुग्राम के डीसी ने माध्यमिक शिक्षा के निदेशक को पत्र लिखकर हरियाणा स्कूल शिक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
वहीं शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा का कहना है कि स्कूल के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत कार्रवाई की जा रही है। हालांकि स्कूल से जुड़े बच्चों के भविष्यों को देखते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल की मान्यता रद्ध नहीं की जाएगी क्योंकि इससे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा। साथ ही शर्मा का कहना है कि अगर इस जांच से प्रद्युम्न के माता पिता संतुष्ट नहीं हुए तो सरकार किसा भा एजेंसी की जांच के लिए तैयार है।