नई दिल्ली। फिल्म पद्मावती को लेकर उपजे विवाद ने अब सांप्रदायिक रंग से राजनीतिक रंग ले लिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि जो राजा पद्मावती के लिए जान देने की बात कर रहे हैं उन लोगों ने अग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए थे। अंग्रेजों ने इन राजपूतों के सम्मान को पैरों तले रौंद दिया था। थरूर की इस टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि शशि जाकर इतिहास पढ़े और बेवजह विवाद को हवा देने की कोशिश न करें तो अच्छा होगा। समृति ने कहा कि लगता है थरूर को इतिहास की जानकारी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि शशि थरूर जाकर इतिहास पढ़े और देखे के अंग्रेजों के समय में राजा-रजवाड़ों की क्या भूमिका थी। उन्हें बेवजह का विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए। इसी के साथ स्मृति ने कहा कि अगर आपकी सभी राजाओं के लिए यहीं सोच है तो फिर कहां है आपकी पार्टी के दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अमरिंदर सिंह। गौरतलब है कि इस फिल्म के विरोध में सरकार के कई मंत्री भी निर्देशक के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस फिल्म के जरिए लोगों की भावनाओं और आस्था को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। जबकि उमा भारती ने निर्देशक और पटकथा लेखक को विवाद की जड़ बताते हुए सेंसर बोर्ड को लोगों की भावनाओं का ख्याल रखने की नसीहत दी थी।