नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ पहले एकदिवसीय में शानदार शतक लगाकर टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली को लगता है कि किसी को भी अपनी महत्वकांक्षा को सीमित नहीं करना चाहिए। कोहली ने कहा, मुझे लगता है कि बतौर खिलाड़ी हम पहले ही खुद को सीमित कर देते हैं, बिना यह जाने कि हम कितना कुछ कर सकते हैं। यह ऐसी चीज है जिस पर मैं कभी सीमा नहीं लगाता। यहां तक कि समय प्रबंधन में भी, जिस दिन मैं थोड़ा थक जाता हूं, उसी दिन चीजों को कम करना शुरू कर देता हूं। मैं कभी भी उन चीजों पर सीमा नहीं लगाता जिन्हें मैं जिंदगी में करना चाहता हूं।
कोहली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के ऑनलाइन चैनल बीसीसीआई डाट टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा कि आपको अच्छा संतुलन बनाना होता है और आगे बढ़ना होता है। अब तक यह सही चल रहा है। अब मैं कह सकता हूं कि अभी मैं संतुलन बनाए हूं। सचिन तेंदुलकर के साथ हमेशा होने वाली तुलना के बारे में कोहली ने स्पष्ट किया कि उनके रिकॉर्ड की बराबरी बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि मैं शायद इतने लंबे (24वर्ष) समय तक नहीं खेलूं। 200 टेस्ट, 100 अंतरराष्ट्रीय शतक। ये शानदार संख्या है और इसे हासिल करना असंभव होगा। लेकिन हां, मैं अंतर पैदा करना चाहता हूं और हमेशा मानता हूं कि मुझे खेल को बेहतर तरीके से छोड़ना होगा।