नई दिल्ली। श्रद्धा का महापर्व शिवरात्रि के लिए भक्त पहले से ही तैयारियां करने लगते हैं। बाबा को खुश करने के लिए भक्त शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और दूध चढ़ाते हैं। इस बार शिव और शक्ति की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि श्रद्धा और भक्ति के साथ 24 फरवरी को मनाया जाएगा। इस बार तीन विशेष योग बनने के कारण महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिए विशेष रहेगी। इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्ध योग के साथ ही प्रदोष, श्रवण नक्षत्र होने से यह विशेष फलदायी रहेगी। राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर के शिवालयों में इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
आमतौर पर महाशिवरात्रि की पूजा एक दिन पहले रात्रि से शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार पूजा शिवरात्रि के दिन 24 फरवरी से होगी। शिवरात्रि 23 फरवरी गुरुवार की रात को 4.30 बजे बाद शुरू हो जाएगी, लेकिन उदय तिथि होने के कारण यह 24 फरवरी को मनाई ही जाएगी। इससे इस दिन रात्रि में शिव पूजन श्रेष्ठ फलदायी है। ज्योतिषियों के अनुसार श्रवण नक्षत्र के साथ शिवरात्रि का योग इसके पूर्व वर्ष 2006, 2007 तथा वर्ष 2009, 2015 में बना था। दो वर्षों बाद महाशिवरात्रि पर नक्षत्र योग और प्रदोष में श्रवण नक्षत्र का योग शिव भक्तों पर अधिक कृपा बरसाएगा।
कैसे करें शिव की पूजा
-शिवलिंग व मंदिर में शिव को गाय के कच्चे दूध से स्नान कराने पर विद्या प्राप्त होती है।
-गन्ने के रस से स्नान करने पर लक्ष्मी प्राप्त होती है एवं शुद्घ जल से स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
-पुराणों में कहा गया है कि जो मनुष्य वर्ष भर में कभी भी उपवास नहीं करता है, लेकिन वह शिवरात्रि पर व्रत रखता है तो उसे सालभर उपवास रखने का फल प्राप्त हो जाता है।
-शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के साथ ही गंगा स्नान और दान का अधिक पुण्य माना जाता है।
-शास्त्रों के अनुसार महाशिव रात्रि पर चार पहर की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इस प्रकार रहेगा 4 प्रहर
प्रथम प्रहर- शाम 6.20 से 9.30 बजे तक
दूसरा प्रहर- रात 9.30 से 12.39 बजे तक
तीसरा प्रहर- रात 12.39 से 3.49 बजे तक
चौथा प्रहर- रात 3.49 से प्रात: 6.58 बजे तक