मुंबई। केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ पिछले 20 साल से सहयोगी शिवसेना ने उससे अलग होने का ऐलान करते हुए बीजेपी को चिंता में डाल दिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले शिवसेना के इस फैसले से बीजेपी में भूचाल आने की संभावना है। दरअसल शिवसेना ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला लिया, हालांकि महाराष्ट्र में मौजूदा समय में वो बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चलाती रहेगी। कार्यकारणी की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी हिंदुत्व की रक्षा के लिए हर राज्य में चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि शिवसेना और बीजेपी में राज्य और केंद्र स्तर पर लंबे समय से तनाव चल रहा है।
हाल के दिनों में महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना और बीजेपी के बीच तकरार चल रही है। दोनों पार्टी के नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए हाल के दिनों में नरेंद्र मोदी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना की है। शिवसेना पीएम मोदी के अहम फैसले नोटबंदी का विरोध कर रही थी। इसके अलावा सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी पर भी सामना के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा जाता रहा है। सेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में 39 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के 12 मंत्री हैं।