नई दिल्ली। मंगलवार से शुरु है देवशयनी एकादशी ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवता पूरे चार महीने के लिए निद्रा में चले जाते है इस कारण शुभ कार्यो पर चार महीने का ब्रेक लग जाता हैं। इसके बाद अक्टूबर में देवउठनी एकादशी से मांगलिक आयोजन शुरु हो जाएंगे।
ऐसी मान्यता है कि, एकादशी पर भगवान शयन करने पाताल लोक में चले जाते हैं मगर भक्तों के लिए कहा गया है कि अगले चार महीनों उन्हें अधिक अनुशासन में एवं कर्म-व्यवहार के प्रति अधिक जागृत रहना होता है। क्योंकि अगले चार महीने तक भगवान विष्णु पाताल लोक में निंद्रा में रहते हैं इसलिए समस्त शुभ कामों पर विराम लग जाता है। शास्त्रों के अनुसार अब भगवान विष्णु देवोत्थानी एकादशी से अपने सिंहासन पर विराजेंगे और उसके बाद शुभ कमों पर लगी रोक हटेगी।
शास्त्रों में बताया गया है कि जब भगवान विष्णु सो जाते हैं तब से भगवान के जागने तक कोई भी शुभ काम जैसे विवाह जनेऊ मुडंन गृहप्रवेश नहीं कराना चाहिए क्योकिं भगवान इन कार्यों में भगवान का आशीर्वाद नहीं होता इसलिए इसे अपूर्ण व अशुद्ध माना जाता है। मकान के निर्माण के लिए नींव रखने के लिए यह समय शुभ नहीं माना जाता है।
31 अक्टूबर से शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों पर लगा विराम चार महीने बाद हट जाएगा देवउठनी एकादशी का दिन भी विशेष रुप से विवाह के लिए मंगलकारी है इस दिन चतुर्मास बाद भगवान विष्णु निद्रा से जागते है इसलिए ये स्थिति अबूझ मुहूर्त मानी जाती है इसी दिन से शुभ कार्यों के बंद दरवाजे खुलते है।