नई दिल्ली। बिहार में 20 महीने के महागठबंधन से नाता तोड़ कर जेडीयू और नीतीश कुमार ने भाजपा और एनडीए का दामन थाम लिया । जिसके बाद जेडीयू के कई नेताओं के विरोधी स्वर फूट पड़े। इन नेताओं में पार्टी के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के साथ सांसद अली अनवर ने खुले शब्दों में इस बात की मुखालफत कर की। अब शरद यादव जेडीयू के खिलाफ अपने बगावती तेवर भी दिखा रहे हैं।
अपनी नई सियासी राह को तलाशने के लिए शरद यादव गुरूवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में साझी विरासत बचाओ के नाम पर एक सम्मेलन कर विपक्ष को एक जुट करने की कवायद में लगे हैं। माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा 17 राजनीतिक पार्टियों के कई वरिष्ठों के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है।
बताया जा रहा है कि 20 साल की नीतीश और शरद यादव की दोस्ती पर बिहार में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। ये सम्मेलन कर विपक्ष को लामबंद करने की कवायद कर शरद यादव ने नीतीश कुमार को सीधे तौर पर खुली चुनौती दे दी है। नीतीश और शरद के बीच रिश्तों पर लगे पूर्ण विराम के चलते जेडीयू ने राज्यसभा से अपने संसदीय दल के नेता के तौर पर रहे शरद को इस पद से हटा दिया है। इसके साथ ही सांसद अली अनवर को बगावती स्वर निकालने के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया है। हाल में शरद यादव 3 दिन के बिहार दौरे पर थे इस दौरान जेडीयू इस दौरे से अपनी दूर ही रखे हुए थी। लेकिन कुछ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शरद यादव की अगुवानी करते हुए इस कार्यक्रम में शिरकत भी की । जिसके बाद 21 कार्यकर्ताओं जिसमें एक पूर्व मंत्री भी थे, सभी को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
ऐसे में सियासी सत्ता के बदलते रूख को भांप कर अब शरद यादव नई राह को बनाने की कवायद कर रहे हैं। इसी कवायद में देश में एक दूसरे दल को खड़ा कर सरकार के अस्तित्व को चुनौती देने पूर्ण राजनीतिक के उदय की कोशिश में ये सम्मेलन बुला रहे हैं। इस सम्मेलन का नाम साझी विरासत बचाओ दिया गया है। इसमें देश की 17 पार्टियों के नेता शामिल हो रहे हैं। इस सम्मेलन में राहुल गांधी , मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद सीपीएम से सीताराम येचुरी और एनसीपी से तारिक अनवर शामिल हो रहे हैं। ये सभी विपक्षी नेता देश में बदल रहे राजनीतिक समीकरण में कैसे अपने आपको खड़ा करें इस विषय पर अपने विचार साझा करने के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
इस सम्मेलन के लिए शरद यादव ने सारी ताकत झोंक दी है। देश में विपक्ष को एक झंड़े के तले लाने की कवायद कर से शरद यादव ने सभी विपक्षी पार्टियों के साथ डॉ बी.आर.अंबेडकर के परपोते प्रकाश अंबेडकर के साथ महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी को भी आमंत्रण भेजा है। बुधवार को प्रेस वार्ता में शरद यादव ने किसी के खिलाफ कोई टिप्पणी करने से अपना बचाव करते हुए साफ कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। देश में बिगड़ रहे साझी विरासत के माहौल को हम कैसे बचाने इस बारे में चर्चा करने के लिए ये सम्मेलन रखा गया है।