नई दिल्ली। बीते दिनों बिहार में बदली सियासत की रंगत ने कई लोगों को खासा परेशान कर दिया विपक्षी दलों के साथ जदयू में भी कई चेहरे नीतीश कुमार के इस फैसले से आहत हुए हैं। जिसमें पूर्व जदयू अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शरद यादव का नाम भी चर्चा में आ रहा है। माना जा रहा है कि शरद यादव जल्द ही जदयू को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। उधर लालू यादव भी कई बार नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए शरद यादव की दुहाई दे चुके हैं।
कांग्रेस भी शरद यादव को लेकर कई बार नीतीश कुमार पर हमलावर हो चुकी है। अटकलों का बाजार भी गरम है। कोई कह रहा है कि लालू और शरद साथ-साथ हो सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शरद यादव अलग पार्टी बना सकते हैं। लेकिन पूर्व अध्यक्ष ने साफ किया कि नई पार्टी बनाने का सवाल ही नहीं पैदा है। इसके साथ ही उन्होने पार्टी को छोड़ने को लेकर लगाई जा रही अटकलों को लेकर भी एक सिरे से नकार दिया उन्होने साफ कहा ना ही पार्टी छोडूंगा और नाही नई पार्टी बनाऊंगा।
आगामी 19 अगस्त को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक पटना में होने वाली है। ये बैठक पहले दिल्ली में प्रस्तावित थी। लेकिन अब इसका आयोजन पटना में हो रहा है। शरद यादव ने साफ कहा कि जो कहना है वो पार्टी फोरम पर कहूंगा। अभी आमंत्रण नहीं मिला है। आमंत्रण मिलने के बाद बैठक में जायेंगे और उसी बैठक में अपनी बात और विचार रखेंगे। फिलहाल इस पार्टी की स्थापना की है अभी इसी के साथ हूं। फिलहाल सूत्रों की माने तो भाजपा के साथ नीतीश के नये गठजोड़ से शरद यादव काफी आहत हुए हैं। उन्होने तय किया है कि पार्टी फोरम में अपनी बात रखने के बाद वो संसद सत्र की समाप्ति के बाजद बिहार के हर जिले का दौरा करेगें। इसके साथ ही उन्होने देश के हर राज्य में दौरा कर साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ रही पार्टी को एक सूत्र में पिरोकर साथ खड़ा करने का भी काम करने की बात कही है।